
CHHATTISGARH: Shabri Ke Ram, special airing, on August 30 from 10 am to 1 pm
रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण में दिनांक 28 अगस्त को शबरी के राम का प्रस्तुतीकरण किया गया। भगवान राम, मां शबरी के दरवाजे पर स्वयं पहुंच कर जाति प्रथा, वर्गवाद , ऊंच – नीच और नारी सम्मान के विचारधारा को समाज के समक्ष प्रस्तुत किए। आज भारतवर्ष ही नहीं वरन् विश्व के ऐसे महापुरुष जिन्होंने जातिवाद वर्गवाद के विरूद्ध आवाज उठाएं,उन सबके मार्गदर्शक भगवान राम ही थे। शबरी के सब्र में और उनकी प्रतीक्षा में इतनी शक्ति थी कि भगवान राम को उनके दरवाजे आना पड़ा। सनातन धर्म परम्परा में केवट, शबरी जैसे भक्त ही हिन्दू धर्म के उत्थान हेतु प्रेरणा श्रोत का काम करते है।” शबरी के राम “कथा की चार पंक्तियां प्रस्तुत है :-
ऐबक भी यहां आया, गज़नी भी यहां आया।
ख़िलजी भी यहां आया, तुगलक ने घर बनाया।
बाबर की पीढ़ियों ने, हर जुल्म को है ढाया।
खंडित किए देवालय, मीनार बस बनाया।
केवट हो या शबरी, सब भक्त ही अड़ा है।
शबरी का सब्र देखो, जहां राम खुद खड़ा है।
कितनों ने किया खंडित, पर फर्क ना पड़ा है।
शबरी का सब्र देखो, जहां राम खुद खड़ा है।
भक्तों का सब्र देखो ,जहाँ राम खुद खड़ा है!
कृप्या “शबरी के राम” की आगे की कथा को श्रवण करें। इस कथा का विशेष प्रसारण संस्कार चैनल पर 30 अगस्त को सुबह 10 बजे से 1 बजे तक होगी।
– डॉक्टर अशोक हरिवंश