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छत्तीसगढ़ : वरदान प्राप्त पटवारी ने अपने तहसीलदार का फर्जी दस्तखत कर बनाएं 12 हितग्राहियों के जमीन के पट्टे…जब हुआ खुलासा तो तहसीलदार ने की कलेक्टर से शिकायत…पढ़े एक्सक्लूसिव खबर…

रायगढ़ / जिले के तमनार तहसील आए दिन सुर्खियों पर रहता है। कभी आर आई (RI) के द्वारा काम के एवज में पैसा लेने पर तो कभी पैसा लेकर काम नहीं करने पर, कभी लंबित आवेदनों का निराकरण नहीं होने पर! ताजा मामला तमनार तहसील से सामने आया है। यहां आरोप है कि तहसीलदार के फर्जी साइन पटवारी के द्वारा किया गया। जिसमें तमनार तहसीलदार ने रायगढ़ कलेक्टर को शिकायत की है ।

आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
तमनार तहसीलदार टीआर कश्यप नें पटवारी जितेंद्र पन्ना (हल्का नंबर 14) के द्वारा किसान किताब में तहसीलदार का फर्जी हस्ताक्षर कर किसानों को पट्टा प्रदाय करने के कारण उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई करने व एफ आई आर दर्ज कराने की अनुमति बाबत कलेक्टर भू अभिलेख शाखा रायगढ़ में आवेदन दिया है।

संबंधित शिकायत की स्कैन कॉपी

अपनी शिकायत में तहसीलदार ने बताया कि पटवारी जितेंद्र पन्ना ( हल्का नंबर 14अतिरिक्त प्रभार 16) तहसील तमनार जिला रायगढ़ में विगत 2 वर्षों से पदस्थ है। पटवारी के द्वारा किसानों को प्रदान की जाने वाली किसान किताब में तहसीलदार का हस्ताक्षर बना करा फर्जी हस्ताक्षर कर किसान किताब जारी कर किसानों को प्रदान किए जाने की जानकारी तहसीलदार को प्राप्त होने पर तहसीलदार द्वारा कुछ किसानों से संपर्क कर इस सम्बन्ध में किसानो से किसान किताब मांग कर देखकर जानकारी लिया। तब तहसीलदार को पता चला कि उक्त पटवारी के द्वारा जारी किया गया किसान किताब में तहसीलदार का फर्जी हस्ताक्षर है। पटवारी के द्वारा तहसीलदार का फर्जी हस्ताक्षर कर किसानों को प्रदान किया गया है।

अब तक 12 किसान किताब की छाया प्रति प्राप्त हो चुका है। जो संलग्न है इसके अलावा शंका है कि पटवारी के द्वारा अपने प्रभार क्षेत्र के गांव में और भी किसानों को फर्जी हस्ताक्षर कर किसान किताब दिया गया होगा या किसी अन्य दस्तावेज में भी तहसीलदार का हस्ताक्षर बनाया होगा। पटवारी द्वारा तहसीलदार का फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ किसान किताब में सुरेश सुधीर, सुशील, प्रवीण कुमार, प्रकाश राठिया, नवीन राठिया, शकुंतला पंडा, इंदिरा पंडा रेखा पंडा प्रभाषिनी, सुनीता मोहित राम ,कुंज बिहारी ,रमेश सहसराम गुरुवारी ग्राम रोडोपाली के है।

पूर्व में हो चुका है स्थानांतरण अब रुका

पूर्व में जितेन पन्ना पटवारी स्थानांतरण भी लैलूंगा ब्लाक में हो गया था, परंतु पटवारी ने अपने पूर पहुंच लगाकर स्थानांतरण रुकवा लिया।

पटवारी का कथित ऑडियो वायरल

इस मामले में पटवारी का कथित ऑडियो वायरल हुआ है। इस ऑडियो में तहसीलदार पटवारी जितेंद्र से बात करते हुए कहते हैं कि उन्होंने दबाव में आकर इस पर फर्जी हस्ताक्षर किए तहसीलदार द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने नेहरू चौधरी द्वारा दबाव बनाना बताया।

आपको बता दें कि जिले में अब कोई पहली घटना नहीं है। जहां पटवारियों द्वारा हैरतअंगेज कारनामों को अंजाम दिया जाता है। लेकिन इस पर अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर का मामला ने तूल पकड़ लिया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में भी करोड़ों का हेरफेर हुआ है। अक्सर इस तरह के मामले बड़े और रसूखदार लोगों की इशारों पर होते हैं। यही वजह है कि कई मामले सुर्खियों में आने के पहले ही साम-दाम-दंड-भेद की नीति का पालन कर दबा दिए जाते हैं लेकिन इस पर एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले की पोल खोली है।

वैसे देखा जाए तो पटवारी का पद काफी छोटा होता है मगर काफी महत्वपूर्ण भी होता है। मात्र 12वीं पास की अहर्ता रखने वाले मामूली सी तनख्वाह पर वरदान प्राप्त कुछ पटवारी नौकरी के चंद सालों में बहुमंजिला इमारतों के साथ करोड़ों की संपत्ति बना लेते हैं। आय से अधिक संपत्ति की जांच की जाए तो काफी लोग इस के कटघरे में आएंगे! फिलहाल इस मामले ने ये तो जग जाहिर कर दिया है कि हजारों की तनखा को करोड़ों में कन्वर्ट करने का पैटर्न क्या है..??

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