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CG NEWS : चर्चित ट्रक ड्राइवर की हत्या का खुलासा

CG NEWS: Murder of famous truck driver revealed

रायपुर। खरोरा थाना क्षेत्र में 15 दिनों पहले नाले में मिली ड्राइवर की लाश की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पांच ड्राइवर ने मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया था। वारदात के बाद आरोपियों ने ट्रक में लदे माल को लूटकर फरार हो गए थे।

दरअसल, 31 अक्टूबर को बलौदा बाजार रोड में सारागांव के एक ढाबे के नजदीक बंद नाली के अंदर एक लाश सडी गली हालत में मिली थी। पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर खरोरा पुलिस गई। शव की पहचान का प्रयास किया गया, पर कोई भी शव को पहचान नहीं पा रहा था। इसी बीच पुलिस को यह भी जानकारी भी मिली कि ग्राम पचपेडी भिलाई 3 जिला दुर्ग निवासी एक ट्रक मालिक अपने ट्रक और ड्राइवर को ढूढने का प्रयास कर रहा है। उसे बुलाकर मिले हुये शव का शिनाख्त कराया गया, तो उसने शव की पहचान अपने ट्रक ड्राइवर परमेश्वर यादव के रूप में हुई।

शव की शिनाख्ती के बाद उस ट्रक मालिक एवं मृतक के परिजनों को बुलाकर पूछताछ की गई। पता लगा कि 26 अक्टूबर को मृतक परमेश्वर यादव सिलतरा रायपुर से ट्रक में लिक्विड यूरिया की 300 बाल्टी लगभग 7 लाख रूपये के माल को भर कर बलौदाबाजार खाली करने के लिये निकला था। शाम को मृतक ने फोन पर अपने मालिक सहित कुछ पारिवारीक लोगो से चर्चा की थी, और बताया था, कि वह रात हो जाने से सारागांव के एक ढाबे का पास रूका है। रात में वहीं आराम करेंगा, सुबह ट्रक लेकर बलौदा बाजार जायेगा।

दूसरे दिन ट्रक के मालिक एवं परिवार के अन्य लोगों द्वारा परमेश्वर यादव को संपर्क करने का प्रयास किया गया था, पर उसका फोन बंद था। जब दो दिन तक कोई खबर नहीं मिली तब ट्रक मालिक अपने गाडी और ड्राइवर को ढूढने के लिये निकला तो बलौदा बाजार रास्ते के बजाय आरंग रोड में ग्राम करमंदी के पास रोड के किनारे उसकी ट्रक खडी मिली। ड्राइवर परमेश्वर यादव नहीं था। और ट्रक में लदा हुआ लिक्विड यूरिया की 300 बाल्टी भी गायब थी। ट्रक मालिक को शंका हुई की शायद ड्राइवर परमेश्वर यादव ने माल को बेच दिया है और ट्रक छोडकर खुद भी गायब हो गया है। इसी बीच परमेश्वर यादव का शव सारागांव के पास मिलने से यह स्पष्ट हो गया, कि माल के लिए मृतक की हत्या हुई है और हत्यारों ने माल को उडा लिया है।

पुलिस ने सैकडो ट्रक ड्राइवरों से पूछताछ और कई सीसीटीवी फुटेज खंगालें। इस दौरान कुछ संदेही ड्राइवरों का पता चला। पुलिस ने संदेह के आधार पर मंजय यादव उर्फ लक्की, उसके छोटे भाई इन्ंद्रासन यादव से पूछताछ की। तब उनके द्वारा पता चला कि पकडे गये दोनों भाईयों के अलावा दो अन्य, कुल 5 लोगों ने मृतक ट्रक ड्राइवर परमेश्वर यादव की हत्या करके उसकी शव को सारागांव के पास ढाबे के किनारे छुपा दिया और उसके ट्रक को लेकर आरंग रोड में ग्राम करमंदी के पास ले गये और खुद के द्वारा चलाये जा रहे दूसरे ट्रक में माल को भरकर महासमुंद के ट्रक ओनर के गोदाम में माल का खपाने के लिये छोड कर अपने गांव बिहार वापस आ गये थे।

पुलिस ने अन्य आरोपियों के धरपकड का प्रयास किया गया, लेकिन वे फरार हो गये थे। पकडे गये दो आरोपियों को लेकर पुलिस खरोरा लौटी। आरोपियों से गहन पूछताछ करने पर बताया कि मंजय यादव पिछले 6-7 महिनों से महासमुंद के नागेन्द्र जासवाल के ट्रक क्रमांक 4 एम एन 7603 को चलाता है साथ मेें अपने छोटे भाई इन्द्रासन यादव को ड्राइवरी सिखाने के लिये कन्डेक्टर के तौर पर रखता है। इन दोनो का एक अन्य भाई संजय यादव भी कुछ महीनों पहले तक तिल्दा के एक ट्रक को चला रहा था, लेकिन वर्तमान में खाली था।

तीनों तिल्दा के पास बहेसर गांव में रह रहे थे। लगभग एक महीने पहले इनके बिहार गांव के नजदीक के गांव में रहने वाले पुराने साथी बगेश राम और चंदन धोबी भी काम की तलाश में इनके पास आये थे, लेकिन काम नहीं मिल रहा था। आर्थिक तंगी हो रही थी दीपावली के लिये घर वापस जाना भी था, तब पांचो ने मिलकर योजना बनाई कि चोरी या लूट जैसी कोई वारदात किया जाये, जिससे कुछ पैसे आये। इसी योजना के तहत घटना दिनांक को अपने ट्रक में सवार होकर पांचो सारांगाव के ढाबे के पास आकर रूके थे देखे कि एक आईसर ट्रक में माल लोड है और ड्राइवर गाडी में सो रहा है। पांचो ने मिलकर उसके ट्रक में भरे हुये माल (लिक्विड यूरिया) को चोरी करने का प्लान बनाया । रात लगभग 1 बजे के आसपास चोरी करना शुरू किये तो उस गाडी का ड्राइवर आहट पाकर पीछे आया। पांचों ने मिलकर ड्राइवर को वहीं दबोच लिया, चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दिये और लाश को पास के नाली में डालकर उसके ट्रक को लेकर वहां से निकल गये आरंग रोड में ग्राम करंमदी के पास उस आईसर गाडी में रखे 300 नग लिक्विड यूरिया के डिब्बों को अपने साथ में लाये ट्रक में डाला और आईसर को वही छोडकर महासमुंद के लिए निकल गये।

महासमुंद पहुंचकर गाडी के ड्राइवर मंजय यादव ने अपने मालिक संपर्क किया और घटना के विषय में बताने हुए माल को खफाने के लिए उनसे मदद मांगी। ट्रक मालिक नागेन्द्र जायसवाल और उसका पार्टनर रितेश सिन्हा दोनो माल को खपाने के लिये तैयार हो गये और मंजय यादव को पैसे देकर कुछ दिन के अपने गांव जाने कह दिया। तथा यह तय हुआ की माल को बेचने के बाद पैसें का बटवारा कर लेगेें। आरोपियों के बयान के आधार पर रितेश सिन्हा और नागेन्द्र जासवाल के गोदाम एवं अन्य जगह पर छुपाकर रखे ट्रक एवं माल को जप्त कर लिया गया है। मामले में रितेश सिन्हा की गिर्फ्तारी भी कि गई है। माल को खपाने में मददगार नागेन्द्र जायसवाल सहित अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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