CG News : हाई कोर्ट का फैसला, सेवानिवृत्त सब इन्सपेक्टर के विरूद्ध जारी वसूली आदेश रद्द
बिलासपुर । सेवानिवृत्त कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता कर्मचारी को राहत दी है। पुलिस विभाग द्वारा जारी वसूली आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने उप पुलिस महानिरीक्षक (डीआइजीपी) छग सशस्त्र बल एवं सेनानी 11वीं बटालियन, जांजगीर चाम्पा को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता से वसूल की गई राशि छह प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश दिया है।
मरियानुस टोप्पो 11वीं बटालियन, जांजगीर-चाम्पा में सब इन्सपेक्टर (मोटर ट्रेनिंग) के पद पर पदस्थ थे। 30 अप्रैल 2018 को 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया। सेवानिवृत्ति के पश्चात सेनानी 11 वीं बटालियन, जांजगीर चाम्पा द्वारा उसके विरूद्ध वसूली आदेश जारी किया गया। आदेश में कहा कि उसे सेवाकाल के दौरान त्रुटिपूर्ण ढंग से वेतनवृद्धि प्रदाय किये जाने से अधिक वेतन का भुगतान किया गया है। वसूली आदेश के खिलाफ मरियानुस टोप्पो ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टेट आफ पंजाब विरूद्ध रफीक मसीह (2015), पंजाब एवं हरियाणा विरूद्ध जगदेव सिंह (2016), थामस डेनियल विरूद्ध स्टेट आफ केरला (2022) के मामले में दिए गए फैसले का हवाला दिया। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि किसी भी तृतीय श्रेणी कर्मचारी, सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) कर्मचारी को यदि सेवाकाल के दौरान त्रुटिपूर्ण ढंग से वेतन का भुगतान कर दिया गया है तो उस कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के पश्चात किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है।