CG Compassionate Appointment: अनुकंपा नियुक्ति में देरी पर हाईकोर्ट सख्त, DIGP और SP को जारी किया अवमानना नोटिस किया जारी

CG Compassionate Appointment: बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अवमानना के एक गंभीर मामले में डीआईजीपी प्रशासन पारूल माथुर और जांजगीर एसपी विजय पांडे को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से मामले में जवाब मांगा है. पूरा मामला पामगढ़ वार्ड क्रमांक 16 के रहने वाले विक्की भारती से जुड़ा है.
विक्की के पिता की मृत्यु के बाद उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिलनी थी. दरअसल, विक्की भारती के पिता को उनकी मृत्यु से पहले अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया गया था, लेकिन बाद में छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग ने इस आदेश को निरस्त कर दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने विक्की को अनुकंपा नियुक्ति का हकदार माना और आदेश दिया था कि उन्हें पुलिस विभाग में जल्द नियुक्त किया जाए.
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद तय 90 दिनों की समयसीमा गुजर जाने के बाद भी विक्की को नौकरी नहीं दी गई. इससे नाराज होकर विक्की भारती ने अपने अधिवक्ताओं अभिषेक पांडे और प्रिया अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की.
जानिए अधिवक्ताओं ने क्या कहा
अधिवक्ताओं का कहना है कि राज्य के कई वरिष्ठ (IPS) अधिकारी हाईकोर्ट के आदेशों का समय पर पालन नहीं कर रहे हैं. इससे न्यायालय की अवमानना हो रही है. इससे कोर्ट में अवमानना याचिकाओं की संख्या और पेंडेंसी लगातार बढ़ती जा रही है. कोर्ट का कीमती समय भी बर्बाद हो रहा है. उन्होंने अदालत को बताया कि जुलाई 2025 तक हाईकोर्ट में 1,149 अवमानना याचिकाएं दाखिल हो चुकी है, जो चिंताजनक है.
क्या है कानून में सजा?
अधिवक्ताओं ने याचिका में कहा कि अवमानना अधिनियम की धारा 12 के तहत दोषी पाए जाने पर छह महीने की जेल या दो हजार रुपए जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है. याचिका में मांग की गई कि पारूल माथुर और विजय पांडे पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोर्ट के आदेशों का सम्मान बना रहे. हाईकोर्ट ने याचिका को गंभीरता से लेते हुए दोनों अधिकारियों को तत्काल नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया है.