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CG BREAKING : वि.स. अध्यक्ष से विपक्ष के विधायकों की शिकायत, बृजमोहन अग्रवाल – हमें देख लेने की मिली धमकी तो हमने भी दिखा दिया …

 

CG BREAKING : V.S. Complaint of opposition MLAs to Speaker, Brijmohan Agarwal – We were threatened to be seen, we also showed …

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र का आज दूसरा दिन है, जहां पर जोरदार हंगामा सत्तापक्ष और विपक्ष में देखा जा रहा है। मंत्री शिव डहरिया व पूर्व मंत्री कुरूदविधायक अजय चंद्राकर के बीच धक्का-मुक्की हो गई है।

वही मामले में सत्तापक्ष मंत्री शिव डहरिया ने विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत से शिकायत की है, विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर पर कार्यवाही की मांग की है।

वही, मामले में बृजमोहन अग्रवाल का कड़ा बयान सामने आया है उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष से हमें देख लेने की धमकी मिली है। हमसे कहा गया कि आपके तरफ आकर आपके ऊपर बैठ सकते हैं, तो हम भी अपने मां के बेटे हैं। हमें पता है कि किस तरह से जवाब देना हैं।

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BREAKING: Fight in the house, scuffle between the ruling party and the opposition, a scuffle between minister Dahria and former minister Chandrakar

रायपु़र। छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र आज सचमुच विशेष साबित हो गया। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक आज हाथापाई में तब्दील हो गई। सदन में ही मंत्री शिव डहरिया और पूर्व मंत्री कुरूद विधायक अजय चंद्रकार के बीच धक्कामुक्की के बाद नौबत हाथापाई की आ गई। दो वरिष्ठ सदस्यों के बीच बनी इस स्थिति से उपजी असहजता को टालने के लिए तत्काल सदन की कार्यवाही 10 मिनट तक स्थगित कर दी गई। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में ऐसी स्थिति पहली बार निर्मित हुई है।

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CG BREAKING: Ban on PSC recruitment! Chhattisgarh government hanging on the future of the youth, Brijmohan’s scathing attack before the reservation bill is passed

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा विशेष सत्र आरक्षण का विधेयक पारित होने से पहले विचार पर बवाल मच गया है। वही विपक्ष ने विधेयक प्रस्तुत होने पर आपत्ति की।

विधायक बृजमोहन अग्रवाल व अजय चंद्राकर ने आपत्ती जताई और बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है, कि कोर्ट में लंबित मामले पर विधेयक लाना नियमों के विरुद्ध हैं। एक चुनाव जीतने नियम को ताक में रखना गलत है।

आप सरकार में हैं बहुमत में है इसका मतलब यह नहीं कि नियम कानून को ताक में रखकर काम करो। यहां छत्तीसगढ़ के युवाओं छात्रों के साथ खिलवाड़ मत करो। चुनाव में वोट के लिए लाखों लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करो तो, क्योंकि बाद में युवाओं को परेशानी उठानी पड़ेगी।

वही अनुपूरक बजट प्रस्तुत करने पर विपक्ष ने आपत्ति जताई हैं। इसके साथ ही विपक्ष की आपत्ति के बीच अनुपूरक बज़ट पारित किया गया। सीएम ने 4337 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित भी किया। वही, अनुपुरक बज़ट पारित होने को लेकर सदन जमकर हंगामा हुआ हैं। वही विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की।

वही विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सांसदीय लोकतंत्र के इतिहास में कभी नियम को शिथिल कर विनियोग विधेयक पारित नही किये गए। विनियोग विधेयक के लिए एक ही में ही प्रस्तुत और पारित किया गया। अगर नियम विरुद्ध कानून पाएंगे तो उसका लाभ नही मिल पायेगा इस लिए मैं बोल रहा हूं। यहां पर 3 महीने से सारी भर्ती को जानबूझ कर रोक दिया गया है।PSC की नियुक्ति रोक दिए है। अब कानून बनाना चाह रहे है तो नियम से काम करो। कोर्ट में मामला चल रहा है।


CG BREAKING: CM Bhupesh Baghel presented the second supplementary budget in the assembly, the opposition alleged against the rules ..

रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। यह बजट 4337 करोड़ का है। विपक्ष ने विशेष सत्र में अनुपूरक बजट पेश करने को नियम विरुद्ध बताया। नियम के उलंघन का हवाला देकर विपक्ष ने वाक आउट किया। भाजपा विधायक अनुपूरक बजट की चर्चा में भाग नहीं लेंगे। और सदन में बहिर्गमन कर दिया।

बीजेपी सदस्य अजय चंद्रकार ने मोहन मरकाम के खिलाफ विशेषाधिकार भंग का मामला उठाया। सदन मेंअजय चंद्राकर ने कहा सत्र की घोषणा होने से पहले ही मोहन मरकाम ने सत्र की जानकारी ट्वीटर में दी। मरकाम जी को कैसे मालूम चल गया कि सत्र इस दिन ही आहूत होगा। उन्होंने कहा कि सीएम और मरकाम को विशेष सत्र और विषय की जानकारी कैसे मिली।

ये विधानसभा की अवमानना है। विशेषाधिकार भंग पर आसंदी से चर्चा की मांग। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सरकार की सहमति से सत्र तय होता है। विशेष सत्र हम आरक्षण को लेकर बुलाए है।सत्र आहूत कैसे किया जाता है इस प्रक्रिया को आप अच्छे से जानते है। आरक्षण को लेकर सत्र बुलाया गया उस पर भी आपको को अप्पति है।पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।नेता प्रतिपक्ष नारायण चन्देल ने चर्चा को 9 दिसम्बर तक टालने की उठाई मांग।नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर चरणदास महंत से कहा कि आरक्षण से भानुप्रतापपुर में लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। इसलिए आरक्षण पर चर्चा को 9 तारीख तक टाला जाए ।

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BREAKING: On the issue of reservation, the second day of the special session of the Vidhansabha started with a ruckus, Ajay Chandrakar raised this question

रायपुर। आरक्षण के मसले पर विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत हंगामे से हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। चंद्राकर ने कहा, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। सदन की कार्यवाही को पूर्व प्रचारित किया गया। ट्वीट कर कहा- हम आदिवासियों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने भी लिखा कि हमने सत्र आहूत करने का आग्रह किया है।

चंद्राकर ने कहा, पीसीसी चीफ़ और मुख्यमंत्री को यह कैसे पता चल गया कि सत्र 1 और 2 दिसंबर को आहूत किया जाएगा। हम विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। इस पर चर्चा कराई जाए। कौन सा विधेयक है, जिसे अब तक वितरित नहीं किया गया है। सदन का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है। चंद्राकर ने कहा कि विधानसभा में जितने सत्र हुए हैं, वह विषय केंद्रीय हुआ है। यदि आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाया जा रहा है तो फिर अनुपूरक बजट कैसे लाया जा रहा है?संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सत्र के विषय तय किए गए। हमने आरक्षण के विषय पर ही विशेष सत्र आहुत कराया है। पूरे प्रदेश के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाया गया है। क्या आप इसका विरोध कर रहे हैं?

स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा कि सदन में जो भी बिज़नेस आया है, यह कार्यमंत्रणा समिति की तरफ़ से ही आया है। बीजेपी विधायक ननकी राम कंवर ने कहा कि आरक्षण के मामले में सरकार ने कोर्ट में ठीक ढंग से जवाब नहीं दिया। इस पर मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने जो ग़लत किया है, आज उसे ही ठीक किया जा रहा है।

बीजेपी विधायक शिव रतन शर्मा ने कहा कि विधानसभा का अपमान है कि सत्र की अधिसूचना जारी होने के पहले पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम को सत्र की जानकारी कैसे मिली? यह विधानसभा की गरिमा का अपमान है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि कार्य संचालन की पुस्तक में ये कहां लिखा है कि विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। ये गंभीर विषय है कि जब किसी को यह नहीं पता कि सत्र कबसे शुरू होगा। क्या सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी कि हम विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। 19 सितम्बर को आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट का फ़ैसला आया था। दो महीने बाद तक सरकार का ध्यान इस ओर नहीं आया। सरकार अधिसूचना जारी कर सकती थी। भानुप्रतापपुर उप चुनाव 5 दिसम्बर को है। हमारा अनुरोध है कि सत्र 9 दिसंबर को बुलाया जाए। 8 दिसंबर को उप चुनाव के नतीजे आ जाएंगे।

 

 

 

 

 

 

 

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