CG BREAKING : शंकराचार्य ने फाड़ी छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड की किताब, संतों के लिए लिखी है विवादास्पद बात

CG BREAKING: Shankaracharya tore Chhattisgarh Education Board’s book, wrote a controversial statement for saints
शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड की हिंदी की किताब को फाड़ दिया. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में अपने भाषण के दौरान उन्होंने संतों के लिए विवादास्पद पाठ वाली किताब में लिखी गई सामग्री का विरोध किया. इसके बाद उन्होंने किताब के उस पेज को फाड़ दिया. यह किताब पांचवी कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए है.
इस पाठ के लेखक जाकिर अली हैं. उन्होंने राज्य में अभिभावकों से इसका विरोध करने का आग्रह किया है. इसके एक अध्याय में भगवा पोशाक पहने एक संत को एक कपटी के रूप में बताया गया है. शंकराचार्य ने दावा किया है कि यह हिंदू धर्म के खिलाफ है.

दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ में हैं शंकराचार्य –
बताते चलें कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती छत्तीसगढ़ में 2 दिवसीय प्रवास पर पहुंचे हैं. यहां धर्मराजधानी कवर्धा के ग्राम जुनवानी में पंच कुंडलीय महायज्ञ और श्रीमद्भागवत कथा में वह दर्शन और आशीर्वचन दे रहे थे.
इसी दौरान किसी भाई ने गुरुजी को यह पुस्तक लाकर दिखाई, जिसमें संत को लेकर विवादित बात लिखी थी. इसके बाद उस भाई ने शंकराचार्य से पूछा कि गुरुजी आप इस पर क्या कहना चाहेंगे.
शंकराचार्य की लोगों से अपील- कीजिए लिखित विरोध –
इस पर शंकराचार्य ने कहा कि इस किताब को नहीं, बल्कि इस पाठ को, जो इसमें छापा गया है, हिंदू धर्म के विरुद्ध षड्यंत्र मानकर के आप सब के साक्षी में हम इसको फाड़ रहे हैं. शंकराचार्य यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि अगर आपके बच्चों को यह किताब पढ़ान को दी जा रही है, तो लिखित विरोध कीजिए. अगर ये किताब पढ़ाने को दी जा रही है, तो हम अपने बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे.
यह लिखा है किताब के पाठ में –
छत्तीसगढ़ में पांचवीं कक्षा के छात्रों को साधु-संतों के बारे में पाठ पढ़ाकर उन्हें कपटी बताया जा रहा है. हिंदी-छत्तीसगढ़ी-संस्कृत विषय की किताब के पाठ 25 में पेज क्रमांक 130 और 131 में “चमत्कार” शीर्षक से एक कहानी लिखी गई है. इस पाठ के लेखक जाकिर अली रजनीश हैं.
इसमें साधु की वेशभूषा में एक कपटी व्यक्ति बताया गया है. भगवाधारी साधुओं की तस्वीर को आपत्तिजनक तरीके से भी किताब में प्रकाशित किया गया है. इतना ही नहीं, पठन-पाठन के लिए दिए गए निर्देश में लिखा गया है कि साधु के वेश में ठगों के बारे में कक्षा में चर्चा करें.