CG BREAKING : कवासी लखमा पर BJP में शामिल होने का दबाव बनाया गया था, ED दबिश पर भी बोले टीएस सिंहदेव

CG BREAKING: Kawasi Lakhma was pressurized to join BJP, TS Singhdev also said on ED raid
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित कांग्रेस भवन में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस मुद्दे पर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए इसे राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति बताया।
“कवासी लखमा पर भाजपा में शामिल होने का दबाव” – सिंहदेव
टीएस सिंहदेव ने कहा कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा पर भाजपा में शामिल होने के लिए दबाव डाला गया था। उन्होंने दावा किया कि अगर लखमा भाजपा में शामिल हो जाते, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी इसे वे सिर्फ एक अफवाह मानते हैं।
सिंहदेव ने ED को मिली डायरी पर भी सवाल उठाए और कहा कि कैसे और किसने इसे लिखा, यह जल्द ही छत्तीसगढ़ की जनता के सामने आ जाएगा।
“विपक्ष को डराने के लिए हो रही कार्रवाई” – चरणदास महंत
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी ED की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “पिछले एक साल से लगातार छापेमारी की जा रही है। यह विपक्ष को डराने-धमकाने की कार्रवाई है। सरकार का असली मकसद विरोधियों को फंसाना है, न कि किसी घोटाले की सच्चाई सामने लाना।”
“BJP के इशारे पर सेंट्रल एजेंसियां कर रहीं काम” – दीपक बैज
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने ED की कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां भाजपा के इशारे पर कांग्रेस को निशाना बना रही हैं।
उन्होंने कहा, “ED ने कोर्ट में पहले ही यह कह दिया कि कांग्रेस भवन 72 करोड़ की लागत से बना, तो अब जानकारी लेने की क्या जरूरत है? कांग्रेस भवन दान से बना है, हमारे पास हर पैसे का हिसाब है।”
“भाजपा का 200 करोड़ का ऑफिस, ED वहां क्यों नहीं जाती?”
दीपक बैज ने भाजपा कार्यालय की भव्यता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “BJP का प्रदेश कार्यालय 5-स्टार होटल की तरह बना है। 200 करोड़ की लागत से BJP कार्यालय तैयार हुआ, जो 15 साल की काली कमाई का नतीजा है। क्या ED वहां जाकर जांच करेगी?”
सियासत गरम, क्या आगे होगी और कार्रवाई?
ED की इस कार्रवाई ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को और गरमा दिया है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर दबाव बना रही है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई बता रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ED की यह जांच आगे और नेताओं तक पहुंचेगी, या यह सिर्फ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह जाएगी।