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CG BREAKING : पीएचई विभाग में अपने पद का दुरूपयोग कर करोड़ों रूपये की धांधली, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पर सरकार ने की बड़ी कारवाई

CG BREAKING : Crores of rupees rigged by misusing his position in PHE department, government took major action against executive engineer

कोरबा/ जगदलपुर। पीएचई विभाग में अपने पद का दुरूपयोग कर करोड़ों रूपये की धांधली करने वाले एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पर सरकार ने बड़ी कारवाई की हैं। कोरबा के तात्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को शासन ने सहायक अभियंता के पद पर डिमोशन करते हुए 4.66 करोड़ रूपये की वसूली का निर्देश दिया गया हैं। वर्तमान में ईई एम.के.मिश्रा की पोस्टिंग जगदलपुर में हैं। वही शासन की इस एक्शन के बाद भ्रष्ट अफसरों के बीच हड़कंप मचा हुआ हैं।

गौरतलब हैं कि पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता एम.के.मिश्रा के कोरबा में पोस्टिंग के कार्यकाल काफी चर्चाओं में रहा। वर्ष 2012 से 2015 तक कोरबा में पोस्टिंग के दौरान ईई एम.के.मिश्रा ने शासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर ना केवल अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया, बल्कि इन तीन साल के कार्यकाल में पीएचई विभाग में फोटोकॉपी के नाम पर 7.68 लाख रूपये का बिल भुगतान और प्राईवेट गाड़ी व डीजल पर 20 लाख रूपये से भी अधिक का भुगतान काफी चर्चा में रहा। मामले की जांच के बाद विभाग ने ईई एम.के. मिश्रा पर वर्ष 2015 पर निलंबन की गाज गिरायी थी। लेकिन तीन महीने बाद ही इन्हे दोबारा बहाल कर दिया गया। कोरबा में पोस्टिंग के दौरान किये गये करोड़ो रूपये के भ्रष्टाचार पर शासन ने जांच का निर्देश दिया था।

इस पूरे मामले पर 14 बिंदुओं पर पीएचई विभाग द्वारा जांच करायी गयी। जांच में पाया गया कि कोरबा में पदस्थापना के दौरान ईई एम.के.मिश्रा ने निविदा नियमों को ताक पर रखकर ठेका कंपनियों के जरिये खुद को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर को कई टुकड़ो में कर ऑफलाइन टेंडर कराया गया। इन निविदाओं में केवल एस.के.इंटरप्राईजेस, ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स और अग्रसेन ट्रेडर्स को कोटेशन के आधार पर लाखों रूपये के कार्य आबंटित कर दिये गये। वही विभागीय जांच में हैंडपंप मरम्मत, पाइपलाईन सुधार के नापर 11.45 लाख रूपये का भुगतान पाय गया। लेकिन भुगतान किस दिनांक को किया गया, इसका कही भी रजिस्टर में उल्लेख नही हैं, वही इस पूरे काम की जानकारी सहायक अभियंता तक को नही थी।

विभागीय जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ हैं कि कटघोरा जलप्रदाय योजना के आबंटित फंड को ईई एम.के.मिश्रा ने बिना किसी वैध अनुमति के दूसरे मद में खर्च कर दिया गया। इसके साथ ही ठेका कंपनियों द्वारा निविदा के वक्त जमा होने वाली अमानत राशि को भी ईई ने विभाग में जमा नही कराया गया। जांच में इन सारे खुलासों के बाद पीएचई विभाग के अवर सचिव रविंद्र मेढेकर ने मामले में दोषी ईई एम.के.मिश्रा पर कार्रवाई करते हुए जहां 4.66 करोड़ रूपये की रिकवरी का आदेश जारी किया हैं, वही कार्यपालन अभियंता एम.के.मिश्रा को सहायक अभियंता के पद पर डिमोशन करने का निर्देश जारी किया हैं। आपको बता दे कि पीएचई विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे ईई एम.के.मिश्रा वर्तमान में जगदलपुर पीएचई विभाग में पदस्थ हैं। पीएचई विभाग के अवर सचिव के इस आदेश के बाद हड़कंप मचा हुआ हैं।

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