Arvind Kejriwal: क्या जेल से सरकार चला सकते हैं CM अरविंद केजरीवाल? जानिए क्या कहता है देश का कानून
Arvind Kejriwal: दिल्ली के शराब नीति केस ED ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को गिरफ्तार कर लिया है. केजरीवाल को ED ने इस केस में पूछताछ के लिए 9 बार समन भेज चुकी थी। लेकिन दिल्ली के सीएम एक बार भी पेश नहीं हुए थे। गुरुवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को गिरफ्तारी को लेकर प्रोटेक्शन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद शाम 7 बजे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के 12 अधिकारी केजरीवाल के घर 10वां समन लेकर पहुंचे। उनके पास सर्च वारंट भी था। तलाशी और पूछताछ के बाद आखिरकार केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद AAP और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बयान दिया कि गिरफ्तारी के बाद भी अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जेल से सरकार चलाएंगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या जेल में रहकर केजरीवाल सरकार चला सकते हैं? आखिर इस मामले में कानून क्या कहता है:-
क्या कोई सीएम किसी केस में गिरफ्तारी के बाद जेल से सरकार चला सकता है?
Arvind Kejriwal: कानूनी मामलों के जानकारों के मुताबिक, जेल से सरकार चलाने का ऐसा कोई नियम नहीं है। इसके लिए कोर्ट की परमिशन की जरूरत होती है। अगर लोअर कोर्ट अपील खारिज कर दे, तो हायर कोर्ट में अपील की जा सकती है. जानकारी के मुताबिक, अभी तक देश में जेल से सरकार चलाने की किसी को परमिशन नहीं मिली है।
क्या जेल में फाइल साइन की जा सकती है?
Arvind Kejriwal: जहां तक सरकारी फाइलें साइन करने की बात है, तो जेल से ऐसी फाइलें साइन नहीं कराई जा सकती। हालांकि, जेल सुपरिंटेंडेंट के विवेक के ऊपर है कि अगर कोई फाइल बेहद जरूरी है, तो कैदी को उसपर साइन करने की परमिशन दे। लेकिन, जेल के अंदर से सरकार नहीं चलाई जा सकती।
जेल में क्या नियम होते हैं?
Arvind Kejriwal: जब भी कोई कैदी के रूप में जेल में आता है, भले ही वो विचाराधीन कैदी क्यों न हो, उसके सारे विशेषाधिकार खत्म हो जाते हैं। इसमें मौलिक अधिकार शामिल नहीं हैं। यानी सीएम से लेकर सांसद तक सभी को एक जैसा ट्रिट किया जाता है
क्या जेल के अंदर रहकर मीटिंग की जा सकती है?
Arvind Kejriwal: दिल्ली की जेलों में हफ्ते में दोषी कैदियों और अंडर ट्रायल कैदियों को दो बार परिजनों से मुलाकात करवाते हैं। जेल में ऐसे कैदियों से कौन-कौन मुलाकात करने आ सकते हैं, उसकी डिटेल दर्ज करवानी होती है. एक कैदी मैक्सिमम 10 लोगों का नाम और नंबर दर्ज करा सकता है। यही 10 लोग जेल में उस कैदी से मुलाकात करने आ सकते हैं या टेलीफोन पर बात कर सकते हैं। इस प्रोसेस को टेली बुकिंग कहते हैं. वैसे जेल के अंदर रहकर राजनीतिक मीटिंग या कैबिनेट मीटिंग नहीं की जा सकती है।
एक बार में कितने लोग कर सकते हैं मुलाकात
Arvind Kejriwal:एक बार की मुलाकात में 3 लोग संबंधित कैदी से मिल सकते हैं. मुलाकात के लिए एक जंगला होता है। जंगले में एक तरफ तो कैदी खड़ा होता है, दूसरी तरफ उसके मिलने वाले खड़े होते हैं। बीच में आयरन ग्रिल और जाली होती है।
जेल में मुलाकात का क्या समय होता है?
Arvind Kejriwal: जेल में कैदी से मुलाकात का समय सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 तक ही होता है। अगर किसी को सिक्योरिटी का खतरा है या कोई कैदी वीआईपी है, तो उसकी मुलाकात का वक्त और जगह जेल सुपरिटेंडेंट तय कर सकता है।