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BREAKING : BJP के 3 नेताओं को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा, क्या है वजह ?

BREAKING: Security of Y+ category to 3 BJP leaders, what is the reason?

गृह मंत्रालय ने बीजेपी के तीन और नेताओं को VIP सुरक्षा देने का फैसला किया है. इन तीनों नेताओं को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. जिसके बाद अब इनके साथ सीआईएसएफ के कमांडों रहेंगे. दरअसल, केंद्र सरकार ने नलिन कोहली, ऋतुराज सिन्हा और अभय गिरी को सुरक्षा प्रदान की है. ये तीनों नेता अब भारी सुरक्षाबलों के घेरे में रहेंगे. बताया जा रहा है कि नगालैंड चुनाव के चलते ये सुरक्षा प्रदान की गई है. नलिन कोहली बीजेपी नगालैंड के स्टेट इंचार्ज हैं.

बता दें कि खुफिया ब्यूरो की ओर से सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए देश के वीवीआईपी और अन्य क्षेत्रों के लोगों को 5 कैटिगिरी की सुरक्षा दी जाती है. भारत में 4 तरह की सुरक्षा कैटेगरी है, जिसमें X, Y, Y Plus, Z और Z प्लस श्रेणी शामिल हैं. इसमें Z प्लस कैटेगरी सबसे बड़ी सुरक्षा कैटेगरी होती है. भारत में वीवीआईपी, वीआईपी, राजनेताओं, हाई-प्रोफाइल हस्तियों और दिग्गज खिलाड़ियों को यह सुरक्षा पुलिस और स्थानीय सरकार के अलावा नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (एनएसजी), इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की ओर से दी जाती है. एनएसजी का इस्तेमाल वीवीआईपी और वीआईपी लोगों की सुरक्षा में सबसे ज्यादा किया जाता है.

जानें किस श्रेणी में कितने सुरक्षाकर्मी रहते हैं साथ –

1. X स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था

X स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में महज 2 सुरक्षाकर्मी (कमांडो शामिल नहीं) शामिल होते हैं. यह सुरक्षा दिए जाने की बेसिक प्रोटेक्शन है. इसमें एक पीएसओ (पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर) भी होता है.

2. Y स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था

Y स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में देश के वो वीआईपी लोग आते हैं जिनको इसके तहत 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं. इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं.

3. Y प्लस सुरक्षा

Y प्लस सुरक्षा में सशस्त्र पुलिस के 11 कमांडो तैनात किए जाते हैं. 11 में से पांच स्टेटिक पुलिस कर्मी सुरक्षा के लिए वीआईपी के घर और उसके आसपास रहेंगे. साथ ही तीन शिफ्ट में छह प्रोटेक्टिव सर्विस ऑफिसर (PSO) गार्ड होते हैं.

4. Z कैटेगरी सुरक्षा

Z कैटेगरी स्तर की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं, जिसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के 4 से 5 कमांडों भी होते हैं. अतिरिक्त सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआईएस की ओर से मुहैया कराई जाती है. सुरक्षा में एक एस्कॉर्ट कार भी शामिल होती है. कमांडोज सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधनों से लैस रहते हैं. इसके अलावा इन्हें मार्शल ऑर्ट से प्रशिक्षित किया जाता है. इनके पास बगैर हथियार के लड़ने का भी अनुभव होता है.

5. Z + स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था

Z + कैटेगरी स्तरीय सुरक्षा में एक-दो नहीं बल्कि 36 सुरक्षाकर्मी लगे होते हैं जिसमें एनएसजी के भी 10 कमांडोज होते हैं. इस सुरक्षा व्यवस्था को दूसरी एसपीजी कैटेगरी भी कहा जाता है. ये कमांडोज अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. उनके पास लेटेस्ट गैजेट्स और यंत्र होते हैं.

 

 

 

 

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