
BREAKING: Rajiv Gandhi National Sadbhavana Award announced
राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार का ऐलान कर दिया गया है. इस साल बनस्थली विद्यापीठ को इससे सम्मानित किया जाएगा. 20 अगस्त को जवाहर भवन ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जहां पूर्व उपराष्ट्रपति मो. हामिद अंसारी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे. वह बनस्थली विद्यापीठ को कौमी एकता, शांति एवं सौहार्द के क्षेत्र में अप्रितम योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान करेंगे. इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे भी बतौर अतिथि शामिल होंगे.
बता दें कि बनस्थली यूनिवर्सिटी की स्थापना 1935 में हुई थी. 850 एकड़ में फैली इस यूनिवर्सिटी को पहले ‘बनस्थली विद्यापीठ’ के नाम से जाना जाता था. 1943 में इसका नाम ‘बनस्थली यूनिवर्सिटी’ पड़ गया. 1983 में UGC ने इस यूनिवर्सिटी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया. इसके साथ ही यह यूनिवर्सिटी ए ग्रेड से NAAC एक्रिडिटेड भी है.
हीरालाल शास्त्री ने की थी स्थापना –
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री ने बनस्थली विद्यापीठ की स्थापना की थी. सन 1929 में शास्त्री ने अपने बचपन का संकल्प पूरा करने के उद्देश्य से जयपुर से 45 मील की दूरी पर स्थित बन्थली (वनस्थली) नामक गांव चुना और जीवन कुटीर की स्थापना की. यहां उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक दल को प्रशिक्षित किया और गांवों के पुनर्निर्माण के लिए एक कार्यक्रम के कार्यान्वयन का प्रयास किया. उनकी पत्नी ने भी इसमें साथ दिया.
इस दौरान उनकी 12 वर्षीय बेटी शांताबाई का निधन हो गया. उसके लिए शास्त्री ने 6 अक्टूबर, 1935 को शिक्षा-कुटीर की स्थापना की, जो कि बाद में बनस्थली विद्यापीठ के रुप में विकसित हुई. आज इस विद्यापीठ ने नारी शिक्षा की एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्था का रूप ले लिया है. 1946 में महात्मा गांधी ने कहा था कि बनस्थली मेरे दिल में बसा हुआ है. वहीं 1945 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि अगर में एक लड़की होता तो अपनी शिक्षा के लिए बनस्थली को चुनता.
राजीव गांधी की जयंती पर मनाया जाता है सद्भावना दिवस –
बता दें कि भारत में हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है. इसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिन पर मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य सभी धर्मों को बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति और प्यार को बढ़ावा देना है. 1992 में राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की गई थी.