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BREAKING : कर्नाटक में बजरंग दल होगा बैन, कांग्रेस का घोषणा पत्र में वादा, मचा बवाल

BREAKING: Bajrang Dal will be banned in Karnataka, Congress promises in manifesto, creates ruckus

नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव के लिए आज कांग्रेस ने अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया की मौजदूगी में पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है। कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कई बड़े ऐलान भी किया है। लेकिन कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एक ऐसा वादा कर दिया है जिसको लेकर बवाल मचना तय है। दरअसल पार्टी ने बजरंग दल की तुलना प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कर डाली है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने बजरंग दल और पीएफआई जैसी संस्थाओं पर बैन लगाने का भी वादा किया है। पार्टी ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो धर्म के आधार पर समाज में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में नफरत फैलाने वालों संगठनों पर बैन लगाने की बात कही है। कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में कई बड़े वादे किए हैं। जिनमें 200 यूनिट फ्री बिजली, गृह लक्ष्मी में परिवार की मुखिया को 2 हजार रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की है।

कर्नाटक में कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बोले असम CM –

वहीं कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर भाजपा की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस द्वारा बजरंग दल पर बैन लगाने के मसले पर भाजपा का जवाब आया है। बेंगलुरु में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को कांग्रेस मुस्लिम लीग जैसा बताया। साथ ही सीएम सरमा ने ये कहा कि कांग्रेस ने पीएफआई पर बैन पहले क्यों नहीं लगाया। पीएफआई नेताओं के केस वापस क्यों लिए। उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर निशाना साधते हुए कहा, PFI पर पहले से ही प्रतिबंध है। सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई के मामले वापस लिए इसलिए वे कह रहे हैं कि मुसलमानों को खुश करने के लिए वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देंगे।

आगे उन्होंने कहा कि, कांग्रेस कह रही है कि पीएफआई यह नहीं कह सकता कि हम बदला लेंगे। कांग्रेस का घोषणापत्र पीएफआई और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के घोषणापत्र जैसा दिखता है।” इससे पहले सोमवार को भाजपा ने अपने संकल्प पत्र जारी किया था। जिसमें भाजपा ने कर्नाटक की जनता को डबल इंजन की सरकार के फायदे गिनाए थे। बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा के लिए वोटिंग होगी। वहीं 13 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

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