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भाजपाध्यक्ष अरुण साव ने कांग्रेस को घेरा, गोठान, पीएससी और झीरम के मुद्दे पर उठाये सवाल…

रायपुर।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा अनुमान तो था, लेकिन यह घोटाला इतना बड़ा होगा, इसकी हमें भी कल्पना नहीं थी। शुरुआती आकलन में अनुसार इस योजना में 1300 करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी गई है, यह आगे इससे भी बड़ा घोटाला है। अगर इनके फ्लैगशिप योजना के साथ ऐसा हुआ है तो आप अन्य योजना की कल्पना कर सकते हैं। कांग्रेस यह घोटाला पकड़े जाने पर अभिमान अभियान चला रही है, हर घोटाला कांग्रेस के लिए अभिमान ही होता है, पर छत्तीसगढ़ शर्मसार है कांग्रेस के घोटालों से।

जहां तक गौ माता का सवाल है तो इस मामले में संसद कूच कर रहे गोभक्त संतों को गोलियों से भून देने वाली कांग्रेस, दक्षिण में बक़ायदा गौ हत्या कर उसका मांस प्रदर्शनी लगा कर खाने वाले लोग अगर आज अपना गौ प्रेम दिखा रहे, तो और क्या कहा जा सकता है? ऐसे घोटालों से छत्तीसगढ़ शर्मिंदा है। गौठान के नाम पर भूपेश बघेल की सरकार ने घोटालों की पराकाष्ठा पार कर दी है। भूपेश बघेल ने दावा किया था कि प्रत्येक गौठान में 19 लाख रूपए का खर्चा किया गया है। हमने भी गौठान देखे। प्रदेश के हर जिले में सभी गौठानों का दौरा किया। उसी निरीक्षण में भूपेश बघेल के झूठों का पर्दाफाश हो गया। वहीं खामियां को ग्रामीण गिना रहे थे, आज प्रदेशवासियों और मीडिया के साथियों ने भी देख लिए है।

पीएससी घोटाले पर अरुण साव ने कहा कि पीएससी घोटाले ने प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य और उनका आत्मविश्वास तोड़ कर रख दिया है। लोक सेवा आयोग जैसी संस्था पर भरोसा की बदौलत ही लाखों युवा अपनी जवानी समर्पित कर देते हैं, उनका विश्वास जिस तरह टूटा है, यह काफी खतरनाक है। जैसा भाई भतीजावाद किया गया है।

छत्तीसगढ़ इससे शर्मसार है। भाजपा लगातार युवाओं की इस पीड़ा को सदन से लेकर सड़क पर उठा रही है। हम संवैधानिक समेत अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। इस घोटाले के खिलाफ युवाओं के संघर्ष को हम अंजाम तक पहुँचायेंगें।

झीरम मामले में कहा

जिस तरह भूपेश बघेल इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष रहने से लेकर आजतक झूठ फैला रहे हैं, जैसी बयानबाज़ी कर रहे हैं, उससे यह कहने को विवश हैं कि कांग्रेस खुद सच को छुपाना चाहती है हम पूरी ज़िम्मेदारी के साथ यह बात कह रहे हैं,आख़िर जिस झीरम का सबूत जेब में होने का भूपेश दावा करते थे, वह सबूत कहां छोड़ आये हैं किसे दे आये, कहां छिपायें है, यह बड़ा सवाल है।

राष्ट्रीय रामायण आयोजन पर कहा –

कालनेमि ने भी राम-राम बोला था, लेकिन राम भक्ति के लिए नहीं, बल्कि हनुमान का मार्ग रोकने के लिए। कांग्रेस की नीयत पर सवाल उठना लाजिमी है। क्योंकि, रामसेतु के अस्तित्व को नकारा, भगवान राम को काल्पनिक बताया। श्रीराम मंदिर का विरोध किया। छत्तीसगढ़ में उस भगवा ध्वज का अपमान जिसे भगवान राम अपने रथ पर लगाते थे। हिन्दु संस्कृति का विरोध करने वाले को कांग्रेस का समर्थन। हिन्दु समाज के युवा भुनेश्वर साहू की हत्या पर उन्हें न्याय न मिलना।

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