BIG BREAKING : केंद्र के अध्यादेश केजरीवाल को विपक्ष का समर्थन, सबक सीखाने की तैयारी
BIG BREAKING: Opposition’s support to Kejriwal on Centre’s ordinance, preparing to teach a lesson
नई दिल्ली। केंद्र की ओर से अध्यादेश लाकर दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर का अधिकार अपने पास रखने के मामले में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने केजरीवाल सरकार का समर्थन किया है.
नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली में कहा, “सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही था लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार जो करने की कोशिश कर रही है वो विचित्र है. उन्होंने कहा कि इस पर सभी को एकजुट होना होगा. हम केजरीवाल के साथ हैं. ज़्यादा से ज़्यादा विपक्षी दलों को एक साथ मिल कर अभियान चलाना होगा. हम पूरे तौर पर केजरीवाल जी के साथ हैं.”
इस मामले में आरजेडी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार को उनका पूरा समर्थन है.
उन्होंने कहा, “जो परेशानी अरविंद केजरीवाल झेल रहे हैं. हम उसके ख़िलाफ केजरीवाल जी को समर्थन देने आए हैं. अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार होती तो उपराज्यपाल में हिम्मत होती इस प्रकार का काम करने की? दिल्ली में भाजपा कभी वापसी नहीं करेगी.”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र के इस अध्यादेश के विरोध करने के लिए विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. वो इस मुद्दे पर बात करने के लिए ममता बनर्जी से मिलेंगे.
उन्होंने कहा, “परसो तीन बजे मेरी ममता जी (बंगाल की मुख्यमंत्री) के साथ बैठक है. उसके बाद मैं देश में सभी पार्टी अध्यक्ष से मिलने के लिए जाऊंगा. आज मैंने नीतीश जी से भी अनुरोध किया कि वो भी सभी पार्टियों से बात करें. मैं भी हर राज्य में जाकर, राज्यसभा में जब ये बिल आए, तब इसे हराने के लिए मैं सभी से समर्थन के लिए बात करूंगा.”
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बीते 11 मई को दिल्ली सरकार के पक्ष में फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि अधिकारियों के ट्रांसफ़र और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होना चाहिए.
लेकिन केंद्र सरकार एक अध्यादेश ले आई. अध्यादेश के तहत अधिकारियों की ट्रांसफ़र और पोस्टिंग से जुड़ा आख़िरी फैसला लेने का हक़ उपराज्यपाल को वापस दे दिया गया है.
सरकार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लेकर आई है. इसके तहत दिल्ली में सेवा दे रहे ‘दानिक्स’ कैडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित किया जाएगा.