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BIG BREAKING : उपचुनाव में बीजेपी के हाथ आयीं 7 में से सिर्फ़ 3 सीटें

BIG BREAKING: BJP won only 3 out of 7 seats in the by-elections.

सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे चुके हैं. छह राज्यों में हुए उपचुनावों में घोसी के नतीजे को लेकर लोगों की ज्यादादिलचस्पी रही. यूपी की घोसी विधानसभा सीट पर सत्ताधारी बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में सीधा मुकाबला था

घोसी के साथ ही उत्तराखंड की बागेश्वर, पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी, केरल की पुथुपल्ली, झारखंड की डुमरी और त्रिपुरा की दोविधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैंधनपुर और बॉक्सनगर. घोसी और पुथुपल्ली को छोड़ दें तो बाकी जगह बाजी उसी पार्टी के हाथलगी है, जिसकी सरकार है

सबसे महत्वपूर्ण बात, विपक्ष के राष्ट्रीय स्तर पर एक बैनर तले एकजुट होने के बाद पहली बार ये उपचुनाव हुए हैं. ऐसे में मुकाबले कोNDA बनाम INDIA के तौर पर देखा जा रहा था

घोसी का मामला इसलिए भी दिलचस्प रहा क्योंकि बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के पाला बदल लेने के चलते उपचुनाव करानापड़ा. हर जगह अलग अलग परिस्थितियों में उपचुनाव हुए हैं. केरल की पुथुपल्ली सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के निधन के कारणउपचुनाव हुआ था, और कांग्रेस ने उनके बेटे को ही उम्मीदवार बनाया था. ऐसा ही मामला कुछ और सीटों पर भी रहा.

घोसी में बीजेपी की बड़ी हार –

घोसी को लेकर बीजेपी का एक्सपेरिमेंट फेल हो गया हैजीत का सेहरा INDIA ब्लॉक के सिर बंध गया है. बीजेपी ने दारा सिंहचौहान को अखिलेश यादव से वापस तो ले लिया, लेकिन घोसी पर समाजवादी पार्टी का ही कब्जा बरकरार रहा. हार का ठीकरा चाहेजिस किसी के भी सिर फोड़ा जाये, मुद्दे की बात तो ये है कि दारा सिंह चौहान के कॅरियर पर फिलहाल ब्रेक लग गया है

घोसी की हार का साइड इफेक्ट ये भी है कि दारा सिंह चौहान के साथ साथ अखिलेश यादव का साथ छोड़ कर बीजेपी के साथ आयेओम प्रकाश राजभर के भी मंत्री बनने का सपना हवाई किले की तरह टूट कर बिखर गया है. राजनीतिक विरोधी तो यहां तक कटाक्षकरने लगे हैं कि पीले गमझे वाले चाचा कहां गये?

सुधाकर सिंह की जीत के साथ समाजवादी पार्टी के तो जश्न मनाने का मौका भी है. समाजवादी पार्टी सुनील सिंहसाजनकह रहे हैं, ओम प्रकाश राजभर बीजेपी को मुबारक, वो जहां रहते हैं नाश करते हैंहमारे साथ रहे हमारा भी नुकसान किया.

घोसी उपचुनाव में गिनती पूरी होने के बाद सपा के सुधाकर सिंह को 1,24,427 वोट और बीजेपी प्रत्‍याशी दारा सिंह चौहान को81,668 वोट मिले. इस तरह सपा को 42,759 वोटों की जीत हासिल हुई है.

घोसी की जनता ने भाजपा कोपचास हजारी पछाड़दी है।

उपचुनाव में बीजेपी के हाथ आयीं 7 में से 3 सीटें

घोसी में बीजेपी की हार की भरपाई फिलहाल तो नहीं हो सकती, लेकिन त्रिपुरा की दोनों सीटें और उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर जीतने काफी राहत दी होगी. बागेश्वर सीट बीजेपी की पुष्कर सिंह धामी सरकार में मंत्री चंदन राम दास के निधन से खाली हुई थी. चंदन रामदास 2007 से लगातार चौथी बार विधानसभा पहुंचे थे. बीजेपी ने उनकी पत्नी पार्वती दास को ही उम्मीदवार बनाया था

बागेश्वर में बीजेपी की जीत को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा है, ‘बाबा बागनाथ की पवित्रभूमि बागेश्वर की देवतुल्य जनता को भारतीय जनता पार्टी पर पुनः विश्वास जताने पर हृदयतल से आभार. यह विजय मातृशक्ति, युवाशक्ति और वरिष्ठजनों के भाजपा सरकार पर अटूट विश्वास का प्रमाण हैराष्ट्रवाद, लोककल्याण एवं सुशासन को समर्पित यहऐतिहासिक जीत बागेश्वर के चहुमुंखी विकास का नया अध्याय लिखेगी.’

बीजेपी उम्मीदवार पार्वती दास के खिलाफ कांग्रेस ने बसंत कुमार को चुनाव लड़ाया था. बसंत कुमार 2022 के विधानसभा चुनाव मेंआम आदमी पार्टी के उम्मीदवार थे. बागेश्वर की सीट पर भले ही बीजेपी ने कब्जा बरकरार रखा हो, लेकिन कांग्रेस ने अच्छी लड़ाई लड़ीहै. बीजेपी की पार्वती दास ने कांग्रेस के बसंत कुमार को 2,405 वोट के अंतर से हराया है. पार्वती दास को 49.54 फीसदी वोट मिले, तो बसंत कुमार को 45.96 फीसदी

त्रिपुरा उपचुनाव की खास बात ये है कि बोक्सानगर विधानसभा से बीजेपी को मुस्लिम विधायक मिला है. बोक्सानगर सीटअल्पसंख्यक बहुल बतायी जाती है. यहां 66 फीसदी मतदाता मुस्लिम हैं. यहां बीजेपी के तफज्जल हुसैन ने सीपीएम के मिजन हुसैनको 30 हजार से ज्यादा वोटों के फासले से हराया है. तफज्जल हुसैन को 87.97 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि मिजन हुसैन के हिस्से मेंमहज 10.07 फीसदी वोट ही पाये

बोक्सानगर सीट सीपीएम के पास रही, जिसे जीत कर बीजेपी ने अपना नंबर बढ़ा लिया है. धनपुर सीट केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक केइस्तीफे के कारण खाली हुई थी. ध्यान देने वाली बात ये है कि मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं खड़ेकिये थे, और कांग्रेस की तरफ से दोनों ही सीटों पर लोगों से विपक्षी गठबंधन INDIA को वोट देने की अपील की गयी थी. देखा जायेतो यहां INDIA ब्लॉक को NDA से शिकस्त मिली है.

धनपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के बिंदु देबनाथ ने सीपीएम के कौशिक चंदा को करीब 19 हजार वोटों से हराया है. बिंदु देबनाथ को70.35 फीसदी वोट मिले हैं, और कौशिक चंदा को 26.12 फीसदी.

घोसी के मैदान सहित INDIA गठबंधन को मिलीं 4 सीटें

घोसी की ही तरह INDIA गठबंधन ने केरल की पुथुपल्ली सीट जीत ली है. ये सीट गठबंधन की अघोषित अगुवाई कर रही कांग्रेस कोमिली है. पहले भी ये सीट कांग्रेस के पास ही थी

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के निधन से खाली हुई सीट पर कांग्रेस ने उनके वकील बेटे चांडी ओमन को टिकट दिया था. कांग्रेसउम्मीदवार चांडी ओमन ने एलडीएफ के जैक सी थॉमस को 37,719 वोटों के अंतर से हराया है. पुथुपल्ली में कांग्रेस को जहां 61.38 फीसदी वोट मिले हैं, एलडीएफ को 32.49 फीसदी वोट मिल पाया. यहां बीजेपी उम्मीदवार को महज 5 फीसदी यानी 6558 यानीवोट मिले हैं

7 विधानसभाओं में पुथुपल्ली ही एक ऐसी सीट रही है जहां मुकाबले में बीजेपी तो नहीं ही थी, INDIA के घटक दल आपस में ही लड़रहे थे. केरल की लड़ाई परंपरागत तरीके से ही लड़ी गयी यानी मुकाबला कांग्रेसयूडीएम बनाम एलडीएफ रहा

डुमरी उपचुनाव में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शानदार जीत हासिल की है. हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री जगरनाथ महतो के निधनसे डुमरी में उपचुनाव हुआ था और पार्टी ने उनकी पत्नी बेबी देवी को उम्मीदवार बनाया था

एनडीए की तरफ से डुमरी में आजसू पार्टी की यशोदा देवी चुनौती दे रही थीं, लेकिन चूक गयीं. बेबी देवी ने यशोदा देवी को 17,153 वोटों के अंतर से शिकस्त दी है. बेबी देवी को 51.76 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि यशोदा देवी के खाते में 42.91 फीसदी ही आये हैं

देखा जाये तो डुमरी में भी INDIA गठबंधन के सामने NDA को हार का मुंह देखना पड़ा है. पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी विधानसभा सीटसे रहे शुरुआती रुझानों में बीजेपी उम्मीदवार तापसी रॉय आगे चल रही थीं, लेकिन अंतिम नतीजे आने पर हार से संतोष करना पड़ा. टीएमसी उम्मीदवार निर्मल चंद्र रॉय ने धुपगुड़ी से चुनाव जीत लिया है

वैसे बीजेपी ने टीएमसी को कड़ी टक्कर दी है, और हारजीत का अंतर 4,309 पर रोक दिया है. टीएमसी उम्मीदवार को उपचुनाव में46.28 फीसदी वोट मिले हैं, और बीजेपी कैंडिडेट को 44.23 फीसदी. बीजेपी के लिए नुकसान की बात ये भी है कि धुपगुड़ी सीटउसके हाथ से निकल गयी है. एससी के लिए सुरक्षित विधानसभा सीट धुपगुड़ी में बीजेपी विधायक बिष्णु पांडे के निधन के कारणउपचुनाव कराना पड़ा था

मुकाबला तो धुपगुड़ी में भी NDA बनाम INDIA ही रहा, लेकिन यहां बीजेपी को गठबंधन में फूट का फायदा नहीं मिला. धुपगुड़ी सीटपर सीपीएम ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया था जिसे 6.52 वोट भी मिले हैं. अगर गठबंधन के पक्ष में सीपीएम ने उपचुनाव में हिस्सानहीं लिया होता तो हारजीत का अंतर ज्यादा हो सकता था

अब इन नतीजों के कई पहलू नजर रहे हैं. अगर नतीजों को INDIA बनाम NDA के रूप में देखें तो विपक्ष के खाते में 4 जबकिबीजेपी के हिस्से में 3 ही सीटें आयी हैं. अगर अलग अलग करके देखें तो बीजेपी ने 3 सीटें जीती है, जबकि कांग्रेस, JMM, टीएमसीऔर समाजवादी पार्टी को एकएक सीट मिली हैलेकिन यूपी की राजनीति के हिसाब से देखें तो विधानसभा चुनाव बाद समाजवादीपार्टी पहली बार भारी पड़ी है, जिसे विपक्ष आने वाले दिनों में NDA पर INDIA की फतह के तौर पर पेश करेगा.

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