BARAMKLA POLITICS : बरमकेला में विकास को लेकर गरमाई सियासत, बघेल ने लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप, ओपी चौधरी ने किया पलटवार

BARAMKLA POLITICS : Politics heated up in Baramkela over development, Baghel accused of step-motherly treatment, OP Choudhary retaliated
सारंगढ़-बिलाईगढ़, 24 मई 2025। BARAMKLA POLITICS प्रदेश में इन दिनों सुशासन तिहार के तहत सरकार जनता के बीच पहुंच रही है और फैसला आन द स्पॉट के जरिये समस्याओं का समाधान कर रही है। लेकिन सरकार के विकास कार्यों पर अब विपक्ष सवाल उठाने लगा है। ताजा मामला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला क्षेत्र का है, जहां कांग्रेस ने सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्री ओपी चौधरी और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार बरमकेला क्षेत्र के साथ भेदभाव कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
BARAMKLA POLITICS बरमकेला में विकास कार्यों को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ताराचंद पटेल ने सारंगढ़ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री ओपी चौधरी बरमकेला क्षेत्र के कार्यालयों को अपने विधानसभा क्षेत्र सरिया में शिफ्ट करवा रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि बरमकेला के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है।
BARAMKLA POLITICS पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाते हुए सरकार को चेतावनी दी। उन्होंने लिखा “यदि ऐसा ही सौतेला व्यवहार रहा, तो कांग्रेस वित्त मंत्री के कार्यक्रमों का बहिष्कार करेगी और काले झंडे दिखाएगी।”
ओपी चौधरी का पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री के बयान पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा “कांग्रेस को सरिया और बरमकेला में 50 साल तक मौका मिला। भूपेश बघेल के 5 साल के मुख्यमंत्री काल में भी कोई विकास नहीं हुआ, न तो 100 बिस्तर वाला अस्पताल खुला और न ही रजिस्ट्री कार्यालय खोला गया।”
ओपी चौधरी ने स्पष्ट किया कि सरिया में बरमकेला का कोई कार्यालय शिफ्ट नहीं किया गया है, बल्कि सरिया में नए कार्यालय खोले गए हैं। उन्होंने कांग्रेस को विकास विरोधी बताते हुए कहा कि जनता ऐसे झूठे आरोपों में नहीं फंसने वाली है।
सियासत का असर
BARAMKLA POLITICS बरमकेला में विकास कार्यों को लेकर शुरू हुई इस राजनीतिक खींचतान से सियासी पारा चढ़ गया है। एक तरफ कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटी है, तो दूसरी ओर सरकार अपने फैसलों को जनहित में बता रही है। देखना दिलचस्प होगा कि इस सियासी घमासान का क्या असर जनता पर पड़ता है।