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Baby John Review: वरुण धवन ने एक्शन से किया इंप्रेस, फिल्म देखने से पहले पढ़ ले मूवी रिव्यु

Baby John Review: जियो स्टूडियोज, सिने1 स्टूडियोज, विपिन अग्निहोत्री फिल्म्स और ए फॉर एप्पल प्रोडक्शंस के तहत तैयार हुई वरुण धवन की एक्शन से भरपूर फिल्म ‘बेबी जॉन’ आज (25 दिसंबर 2024) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. वैसे तो यह एक बॉलीवुड फिल्म है, लेकिन यह फिल्म 2016 में आई तमिल फिल्म ‘थेरी’ का रीमेक है और इसका हिंदी डब यू ट्यूब पर मौजूद है। इस फिल्म के लेखक साउथ के मशहूर डायरेक्टर एटली हैं. विजय लीड रोल में थे और ‘बेबी जॉन’ में आपको विजय के किरदार में वरुण धवन नजर आएंगे. इस फिल्म में वरुण के साथ साउथ की मशहूर एक्ट्रेस कीर्ति सुरेश भी हैं, जिनकी भी ये पहली बॉलीवुड फिल्म है.

कहानी – फिल्म की कहानी की शुरुआत जॉन ( वरुण धवन) और उसकी बेटी ( खुशी ) से होती है. जॉन एक बेकरी चलाता है और सिंगल पैरेंट है इसलिए रोज खुशी को स्कूल छोड़ने में उसे देरी होती है और इसी वजह से खुशी को अपनी टीचर तारा ( वामिका गब्बी) से डांट खानी पड़ती है. एक दिन तारा एक लड़की को कुछ गुंडों से बचाती है और पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराती है जहां खुशी भी भी तारा के साथ होती. जॉन अपनी बेटी को पुलिस थाने में देखकर परेशान हो जाता है और तारा पर नाराज होता है पर थाने का इंस्पेक्टर जॉन को पहचानने की कोशिश करता है और फिल्मकार दर्शकों को हिंट दे देता है कि जॉन का कुछ तो अतीत है और फिर शुरू होता है फ्लैशबैक जहां वरुण धवन पुलिस ऑफिसर सत्या के रूप में नजर आता है

खामियां

1 फिल्म की कहानी में ताजगी नहीं. इस तरह की कहानी बॉलीवुड में बहुत बार बनी हैं.

2 दक्षिण में एक फिल्म मेकिंग स्टाइल है जिसमें जगह जगह पर आपको इमोशनल ड्रामा डालना ही है जिसकी वजह से एक दिशा में बढ़ती कहानी में झटके आ जाते हैं अगर इन सीन का मिक्स स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले में होशियारी के साथ ना किया हो तो और ऐसा ही बेबी जॉन में होता है.

3 गाने भारतीय सिनेमा में जरूरी हैं पर अभी भी बहुत से फिल्मकार इन्हें बिना फिल्म की स्पीड पर रोक लगाये नहीं इस्तेमाल कर पाते जैसा की बेबी जॉन में भी होता है.

4 फिल्म में कई जगह क्लिशे से फिल्मकार बच सकते थे फिर चाहे वो डायलॉग हों , सीन्स हो या कुछ सीन का इस्तेमाल, मसलन जब विलन जैकी श्रॉफ का सीन एक जगह आता है तो उससे अगला कट रावण के पुतले का होता है. ऐसा ही डायलॉग्स में होता है क्योंकि आपको पता होता है कई जगह की अगली लाइन क्या आने वाली है.

5 ये खामी उन लोगों के लिए है जिन्होंने इस फिल्म की ओरिजिनल देखी है यानी थेरी. थेरी के सामने ऐसे लोगों के लिए ये फिल्म कमजोर साबित हो सकती है. हालांकि मैंने थेरी नहीं देखी है.

6 फिल्म की एडिटिंग में झटके महसूस होते हैं वजह सेंसर की कैंची भी हो सकती है या फिर शायद एडिटर की मजबूरी कहना मुश्किल है.

खूबियां

1 ये एक बड़े बजट के फिल्म है जिसमें एंटरटेनमेंट के साथ संदेश भी दिया गया है. फिल्म कॉमेडी, ड्रामा, एक्शन के जरिए एंटरटेनमेंट का डोज फिल्म के अलग हिस्सों में देती रहती है.

2 वरुण धवन ने साउथ इंडियन स्टाइल हीरोइज्म खूबसूरत ढंग से ओढ़ा है. मुझे वो एक्शन में कन्विंसिंग लगे. उनका स्टाइल और एक्टिंग का बैलेंस इस फिल्म में उनकी तरफ से आपको निराश नहीं करेगा फिर चाहे वो जॉन हो या डीसीपी सत्या.

3 फिल्म के कई सीन क्लिशे से बचते हुए नए तरीके से गढ़े गए हैं जो अच्छे लगते हैं मसलन क्लासरूम में गुंडों के साथ टकराव, वरुण धवन और उनकी मां बनीं शीबा चड्ढा के बीच गढ़े गए सीन्स जो कॉमेडी भी देते हैं और ताजगी भी.

4 फिल्म में छोटे छोटे किरदार हैं जो एक लाइन में ही आप पर छाप छोड़ जाते हैं और यहां तारीफ करने पड़ेगी फिल्मकार की एक्टर बड़ा हो या छोटा उन्हें इस तरह के सीन और लाइन्स दी गई हैं की वो आया राम गया राम नहीं लगते और अपनी मौजूदगी दर्ज करके जाते हैं.

5 राजपाल यादव, बहुत फिल्मों में आपने उनको देखा होगा पर इस फिल्म में शायद पहली बार उनकी पर्सनैलिटी को तोड़ कर उन्हें अलग ढंग से पेश किया गया है जहां अभिनय भी है और कॉमेडी लेकिन बेढंगी नहीं. पूरी फिल्म में राजपाल यादव ने कमाल का काम किया है और एक सीन में वो दर्शकों की तालियां और सीटियां भी ले जाएंगे.

6 कीर्ति सुरेश का काम अच्छा है, कई जगह बड़ी संजीदगी से अपनी एक्टिंग से दर्शकों पर छाप छोड़ी है. वामिका गब्बी ठीक हैं.

7 जैकी श्रॉफ भी ठीक हैं, शीबा चड्ढा का अच्छा काम है.

8 डायरेक्टर कलीस की टेकिंग अच्छी है.

9 सलमान का कैमियो आपसे ताली बजवायेगा और सान्या मल्होत्रा का कैमियो आपको हंसाएगा.

अगर आपने इसकी ओरिजनल मूवी नहीं देखी है तो कुल मिलाकर इस फिल्म को एक बार जरूर देखा जा सकता है। हमारी तरफ से इस मूवी को 3 स्टार है।

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