
महान इंजीनियर भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म दिवस 15 सितम्बर अभियन्ता दिवस (इंजीनियर्स डे) की बधाई मंगलकामनाएँ ….
एक पुरानी कहावत है ” पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब , खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब ” बचपन मे इस लाईन को सुनने और सुनाने में बड़ा मजा आता था । उस जमाने मे इंजीनियर की बड़ी कद्र थी इंजीनियर साहब कह कर पुकारे जाते थे। अब इंजिनयरिंगन की पढ़ाई पढ़ कर निकले युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे है। इंजीनियरिंग कॉलेजों के हाल ये हैं कि अकेले छत्तीसगढ़ में दर्जनों कॉलेजों पर ताला लग गया । आरक्षण के चलते कालेजो में आधे से भी कम सीटे भर पाई है । इंजीनियरिंग में रोजगार के कम होते अवसर , आरक्षण रूपी राक्षस ने युवाओं का रुझान इस ओर कम किया है । आरक्षण के चलते देश प्रदेश से योग्यता का पलायन हो रहा है । ऐसे में कैसे देश को महान इंजीनियर भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जैसे लोग मिल पाएंगे । खैर बात यंहा पुरानी कहावत ” पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब ” को लेकर शुरू हुई थी । आज कल उक्त कहावत का बिल्कुल उलट हो रहा है पढ़ने लिखने वाले नौकरी चाकरी की तलाश में मारे मारे फिर रहे है और खेलने वाले आई पी एल , ट्वेंटी -ट्वेंटी में या राजनीति के अखाड़े सत्ता की मलाई चाटते करोड़ों कमा रहे हैं । जिन्हें गाने बजाने नाचने का शौक है वे इंडियन आइडल , सारेगामा , नच बलिए जा रहे हैं और इंजीनियर साहब लैपटॉप को बेताल की तरह पीठ पर लादे सैर करा रोजगार की तलाश में चप्पलें घिस रहे है ।
ऐसे योग्यता धारी इंजीनियरों जिनकी सड़के बनने के पहले दम तोड़ रही है , पुल पुलिया उद्घाटन के पहले गिर रहे है , मेजरमेंट बुक बिना कमीशन पाए भरी नही जा रही , काम मे सफाई व गुणवत्ता इतनी कि सड़को में गड्ढे है कि गड्ढों में सड़क पता ही नही चल पाता ऐसे महामानवों को भी अभियंता दिवस की बधाई ।