CG NEWS : शराब‑कोल‑महादेव घोटालों से छत्तीसगढ़ बदनाम, डिप्टी सीएम अरुण साव का भूपेश बघेल पर तीखा हमला

CG NEWS : Chhattisgarh infamous for liquor, coal and Mahadev scams, Deputy CM Arun Saw launches a scathing attack on Bhupesh Baghel
रायपुर। भाजपा जिला कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर करारा प्रहार किया। साव ने आरोप लगाया कि शराब घोटाला, कोल घोटाला और महादेव सट्टा ऐप जैसे मामलों ने छत्तीसगढ़ की साख पूरे देश में गिराई और इसके लिए सीधे तौर पर भूपेश जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, “इन्हीं भ्रष्टाचारों के कारण जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर किया।”
“कांग्रेस अब व्यक्ति विशेष की पार्टी”
साव ने कहा कि आर्थिक नाकेबंदी जैसे विरोध कार्यक्रमों से साफ दिख रहा है कि कांग्रेस संगठन नहीं, व्यक्ति केंद्रित हो गई है। “देवेंद्र यादव, कवासी लखमा जैसे मामलों में आंदोलन कहाँ था? जब बात भूपेश पर आई तो पूरी पार्टी सड़क पर है।”
“चोरी ऊपर से सीनाजोरी”
कांग्रेस की आर्थिक नाकेबंदी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “पहली बार भ्रष्टाचार के पक्ष में नाकेबंदी कर आम जनता को सजा दी जा रही है।” उनके मुताबिक व्यापारी, श्रमिक और आम नागरिकों ने इस “षड्यंत्र” को स्वीकार नहीं किया।
राम और हिंदुत्व पर सवाल
भूपेश बघेल के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए साव ने पूछा, “क्या अब भूपेश को श्रीराम और हिंदुत्व अन्याय लगने लगे हैं? पहले वे अपने पिता नंदकुमार बघेल की टिप्पणियों से दूरी बनाते थे, अब उसी सोच का समर्थन कर रहे हैं।”
चैतन्य बघेल गिरफ्तारी पर हमला
बेटे चैतन्य बघेल की ईडी गिरफ्तारी को लेकर भी साव ने निशाना साधा: “क्या किसी पिता को गर्व होना चाहिए कि उसका बेटा आर्थिक अपराध के मामले में चर्चित हो गया?”
उन्होंने दावा किया कि ईडी रिपोर्ट में चैतन्य पर शराब घोटाले से ₹16.70 करोड़ की आपराधिक आय (POC) कमाने और उसे रियल एस्टेट फर्मों के जरिए वैध दिखाने के आरोप हैं। साथ ही उन्होंने एजेंसी के हवाले से कहा कि चैतन्य ने “₹1000 करोड़ से अधिक” अवैध धन के हस्तांतरण में भूमिका निभाई, जिसे कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुँचाया गया।
“घोटालों से विकास की नाकेबंदी”
साव ने कहा कि कांग्रेस शासन में कोल, महादेव ऐप, चावल, शराब, पीएससी जैसे मामलों ने राज्य की आर्थिक प्रगति रोक दी। “आज सत्ता से बाहर होने के बाद भी भूपेश मानसिक रूप से नाकेबंदी की राजनीति कर रहे हैं।”