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जिला उपभोक्ता फोरम में जल्द करें सदस्य की नियुक्ति, उच्च न्यायालय ने राज्य शासन को दिया निर्देश

बिलासपुर। बिलासपुर जिला उपभोक्ता फोरम में सदस्य की शीघ्र नियुक्ति को लेकर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है. याचिकाकर्ता नवीन चोपड़ा ने सदस्य के नियुक्ति नहीं होने से उपभोक्ता फोरम में सालों से मामला लंबित रहने पर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी.

याचिकाकर्ता नवीन चोपड़ा ने अधिवक्ता गगन गुप्ता और परमेश मिश्रा के माध्यम से याचिका दायर की थी. जिला उपभोक्ता फोरम बिलासपुर ने याचिकाकर्ता के पक्ष में 7 मार्च 2018 को एक आदेश पारित किया, जिसमें बिलासपुर नगर निगम को निर्देशित किया था कि याचिकाकर्ता को पूर्व में आबंटित भूमि शीघ्र प्रदाय की जाए, यदि वह भूमि उपलब्ध नहीं है तो वैकल्पिक भूमि प्रदान की जाए अथवा वर्तमान शासकीय दर पर 1500 रुपए वर्ग फीट के अनुसार याचिकाकर्ता को पैसा वापस किया जाए.

इस आदेश के खिलाफ नगर निगम रायपुर ने राज्य उपभोक्ता फोरम को चुनौती दी थी, जिसमें राज्य उपभोक्ता फोरम में जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश को यथावत रखा, उस आदेश के खिलाफ नगर निगम बिलासपुर ने राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम दिल्ली में याचिका लगाई लेकिन कोरोना काल के कारण उस याचिका में सुनवाई नहीं होने के कारण याचिका राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में लंबित है. साथ ही साथ नगर निगम ने स्थगन के लिये आवेदन लगाया, उसके पश्चात नवीन चोपड़ा याचिकाकर्ता ने जिला उपभोक्ता फोरम में 2019 में आदेश के निष्पादन के लिये आवेदन किया.

लेकिन सदस्य नहीं होने की वजह से जिला उपभोक्ता फोरम में प्रकरण लंबा खींचता गया. वहीं दूसरी ओर को अपने आदेश में यह भी कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में प्रकरण लंबित है. याचिकाकर्ता ने इस आदेश से क्षुब्ध होकर उच्च न्यायालय याचिका दायर कर बताया कि चूकि अभी स्थगन आदेश राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम से बिलासपुर नगर निगम को नहीं मिला है, इस वजह से निष्पादन की प्रक्रिया जिला उपभोक्ता फोरम की करना चाहिए. सदस्य के अभाव में पिछले लगभग दो वर्षों से प्रकरण आदेश के लिए लंबित है. साथ ही साथ अन्य प्रकरण भी लंबित है.

याचिकाकर्ता का कहना था कि उपभोक्ता फोरम नियम 1987 के अनुसार यदि कोई एक सदस्य की नियुक्ति या कोई एक सदस्य की अनुपस्थिति रहती है, उस स्थिति में अध्यक्ष या सदस्य स्वयं ही सुनवाई कर सकता है, इस पर नगर निगम बिलासपुर की ओर से उपस्थित अधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि उपभोक्ता फोरम का नया उपभोक्ता अधिनियम 2019 में बन चुका है. नियम से उच्च होता है ऐसी स्थिति में उपभोक्ता फोरम अधिनियम 2019 के अनुसार यदि अध्यक्ष या सदस्य की नियुक्ति किसी कारण से नहीं हो पाई है तब उस स्थिति में राज्य सरकार अध्यक्ष/सदस्य की शीघ्र नियुक्ति करे, नियुक्ति की पश्चात की प्रकरण में आगे सुनवाई हो पाएगी.

प्रकरण की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय में राज्य सरकार को निर्देशित कि जिला उपभोक्ता फोरम में सदस्य की नियुक्ति के अभाव में प्रकरण को लंबित नहीं रखा जा सकता इसलिए उपभोक्ता फोरम अधिनियम 2019 के अनुसार नए सदस्य की नियुक्ति शीघ्र की जाए.

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