हिमाचल हादसे में छत्तीसगढ़ के दो बेटों की गई जान, अमोघ बापट और सतीश कटकवार भू-स्खलन के समय पुल से गुजर रहे थे
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- कोरबा निवासी अमोघ तीन साल पहले भारतीय नौ सेना में बने थे अफसर, सतीश प्राइवेट बैंक में करते थे काम
रायपुर : हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भू-स्खलन से हुए हादसे में छत्तीसगढ़ के अमोघ बापट और सतीश कटकवार की जान चली गई है। कोरबा निवासी अमोघ तीन साल पहले ही में भारतीय नौ सेना में अफसर बने थे। सतीश एक प्राइवेट बैंक में काम करते थे। इस हादसे में 9 पर्यटकों की जान गई हैं। जिसमें 4 राजस्थान के, दो छत्तीसगढ़ के और एक-एक महाराष्ट्र और पश्चिम दिल्ली के हैं। एक पर्यटक की पहचान नहीं हो पाई है।
मृतकों और घायलों की पहचान के बाद किन्नौर प्रशासन ने संबंधित राज्य सरकारों को इसकी सूचना दे दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, किन्नौर की सांगला घाटी में पुल टूटने के दुखद हादसे में जिन नौ लोगों की मौत हुई है, उनमें से दो लोग छत्तीसगढ़ के हैं। मृतकों में से एक कोरबा में CSEB के अधिकारी के बेटे अमोघ बापट हैं। दूसरे सतीश कटकबार हैं। अमोघ बापट नौसेना के नव नियुक्त अधिकारी थे। मुख्यमंत्री ने बताया, उन्होंने मृतकों के छत्तीसगढ़ में अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन की ओर से मदद करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए संवेदना प्रकट की है।
किन्नौर की सांगला घाटी में पुल टूटने के दुखद हादसे में जिन नौ लोगों की मौत हुई है, उनमें से दो लोग छत्तीसगढ़ के हैं।
मृतकों में से एक कोरबा में CSEB के अधिकारी के सुपुत्र अमोघ बापट हैं। दूसरे सतीश कटकबार हैं।
ईश्वर मृतकों के परिजनों को दु:ख की ये घड़ी सहन करने की शक्ति दें।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 25, 2021
पुल से गुजर रहे थे पर्यटक, बोल्डर गिरा
आज दोपहर करीब 1.30 बजे पर्यटक ट्रैवलर गाड़ी में छितकुल से सांगला की ओर जा रहे थे। तभी बटसेरी के गुंसा के पास पुल पर चट्टानें गिरने से पुल टूट गया और पर्यटकों की गाड़ी बस्पा नदी में जा गिरी। हादसे के बाद चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनकर बटसेरी गांव के लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य में जुट गए। ग्रामीणों ने ही हादसे की खबर पुलिस और प्रशासन को दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए पीएम केयर फंड से दिए जाने की घोषणा की है।
छुट्टी मनाने गए बेटे को मौत मिली
अमोघ का प्रमाेशन 9 जुलाई को लेफ्टीनेंट से लेफ्टीनेंट कमांडर के पद पर हुआ था। उन्हें अंडमान की पोस्टिंग मिली थी। छुट्टी पर वे 10 दिन पहले एचटीपीपी कालाेनी स्थित अपने घर पहुंचे थे। जहां से 18 जुलाई काे वे हिमाचल प्रदेश घुमने के लिए निकले थे। रायपुर से फ्लाइट लेकर दिल्ली पहुंचे। और फिर बस से हिमाचल गए । परिवार इस बात से टूट चुका है कि छुट्टी मनाने गए बेटे के साथ ऐसा हादसा हुआ कि उसे मौत मिली।
फोन पर कहा था- ये जगह खूबसूरत है
हिमाचल में ट्रैकिंग के दौरान अमाेघ ने परिवार के लोगों से बात की थी। एक दिन पहले ही उन्होंने परिवार से कहा था कि वो बेहद खुश हैं। ये जगह बेहद खूबसूरत है। एक दिन पहले ही उनकी आखिरी बार परिवार से बात हुई थी। रविवार की दाेपहर 3बजे के आस-पास घर वालों के पास फोन आया। मगर ये फोन कॉल अमोघ से जुड़ी सबसे बुरी खबर देने के लिए किया गया था। खबर लगते ही एचटीपीएस के मुख्य अभियंता अारके श्रीवास समेत अन्य अधिकारी व कालाेनीवासी उनके घर पहुंचे। एसपी भाेजराज पटेल ने भी परिजन से बातचीत करके उन्हें ढांढस बंधाया है।
बैंक में काम करते थे सतीश
कोरबा के दूसरे युवक जो इस हादेस में मारे गए उनका नाम सतीश कटकवार था। 30 साल के सतीश चांपा-जांजगीर के रहने वाले थे। उनके पिता एमएल कटकवार एचटीपीएस में कार्यरत थे। जाे 5 साल पहले रिटायर हुए। कोरबा ने सतीश का परिवार कुछ समय पहले ही जांजगीर गया था। सतीश एक निजी बैंक में काम कर रहे थे। उनकी पढ़ाई-लिखाई काेरबा में ही हुई। सतीश परिवार के इकलाैते बेटे थे। उनकी दाे बहने हैं। दोनों ही परिवार अब सैन्य मुख्यालय के संपर्क में हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों युवकों के पार्थिव शरीर सोमवार शाम तक कोरबा लाए जाएं।