विश्वकर्मा जयंती पर अखिलेश यादव ने की घोषणा, सत्ता में आए तो घोषित होगा सार्वजनिक अवकाश, बनेगा मंदिर
लखनऊ: विश्वकर्मा जयंती पर उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम व सपा अध्यक्ष अखिलेश ने बड़ी घोषणा की है। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित होगा, गोमती नदी के किनारे भव्य विश्वकर्मा मंदिर की स्थापना होगी और विश्वकर्मा समाज को सम्मान मिलेगा। बता दें, यह घोषणा अखिलेश यादव ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्याल पर अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में आयोजित विश्वकर्मा जयंती समारोह पर की।
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘भाजपा के राज में विश्वकर्मा समाज समेत समाज के सभी वर्गों के लोग अपमानित हुए हैं। कोई बचा नहीं है। उत्तर प्रदेश में होने वाला चुनाव देश का सबसे बड़ा चुनाव है। लोकतंत्र के परीक्षा की भी यह सबसे बड़ी घड़ी है। भाजपा षडयंत्रकारी, झूठ और भ्रम फैलाने वाली पार्टी हैं इससे सावधान रहना है। वैसे जनता ने भाजपा के विरोध में मन बना लिया है। यह भाजपा सरकार जाने वाली है। उसका सफाया होना तय है।’ इस दौरान अखिलेश यादव ने भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर माल्यार्पण और आरती की।इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि विश्वकर्मा समाज के सुझावों को समाजवादी पार्टी अपने घोषणा पत्र में स्थान देगी। साथ ही, कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित होगा। गोमती नदी के किनारे भव्य विश्वकर्मा मंदिर की स्थापना होगी और विश्वकर्मा समाज को सम्मान मिलेगा। इस दौरान भाजपा पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कभी इतना झूठ नहीं बोला गया, जितना भाजपा राज में बोला गया। भाजपा झूठ का प्रशिक्षण केन्द्र चला रही है। यह जनता को गुमराह करने का काम करती है। लगातार जनता को धोखा दिया जा रहा है। भाजपा राज में कोई काम नहीं हो रहा है। कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़े उद्योगपति बुलाए गए, 4 लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए पर जमीन पर कोई उद्योग नहीं आया। कोरोना काल में सब कारोबार बंद हो गए, अर्थव्यवस्था चौपट हुई। दवा-इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में हजारों जानें चली गईं। तब भी काम आई सपा सरकार की चलाई 108 एम्बुलेंस सेवा और सपा सरकार में बने अस्पताल क्योंकि एक भी अस्पताल भाजपा सरकार में नहीं बना। यादव ने कहा कोरोना महामारी के दौर में श्रमिक पैदल घर जाने को मजबूर थे, भाजपा ने उद्योगपतियों-अमीरों के लिए हवाई जहाज की सेवा चालू रखी। ट्रेनें-बसे बंद कर दी। कोरोना हवाई जहाज के यात्रियों से आया। लेकिन जनसामान्य को अनाथ छोड़ दिया गया। लाशें गंगा किनारे मिलीं, दुनिया में उनकी तस्वीरें छपीं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने वादे पूरे नहीं किए। किसान की आय दोगुनी नहीं हुई। गन्ना किसान को कीमत नहीं मिली। बिजली महंगी है। जितने विद्युत प्लांट सपा काल में लगे कानपुर, हरदुआगंज, एटा में उनका नाम भी मुख्यमंत्री नहीं लेते हैं। छोटे व्यापारी, बुनकर बेकार हो गए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि हम चाहते हैं जातिगत जनगणना हो ताकि हर समाज की सही संख्या की जानकारी हो सके तभी उसकी भागीदारी तय हो सकेगी। भाजपा पिछड़ों, गरीबों, दलितों के हक छीनना चाहती है। आरक्षण समाप्त करने की साजिशें हो रही हैं। संविधान बचाना है। मंहगाई ने भारत को संकट में फंसा दिया है। भाजपा भारत की संस्कृति को नष्ट करना चाहती है।