CG NEW LIQUOR POLICY : The government is going to make a big change in the liquor policy.
रायपुर। राज्य सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल के दौरान उजागर हुए करीब 32,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से सबक लेते हुए अब मौजूदा शराब नीति में बड़ा बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है। आबकारी विभाग ने इसके लिए प्रारंभिक मसौदा तैयार कर लिया है, जिसमें एक बार फिर ठेका पद्धति लागू करने का प्रस्ताव शामिल है। सूत्रों के अनुसार मसौदे पर जल्द ही उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा होगी, जिसके बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में आबकारी विभाग 11 हजार करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य से करीब 3 हजार करोड़ पीछे रह गया था। बावजूद इसके आगामी वित्तीय वर्ष के लिए लक्ष्य 12,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है। ऐसे में सरकार अब नई शराब नीति के जरिए राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ नियंत्रण व्यवस्था को सख्त और पारदर्शी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
ठेका पद्धति से पारदर्शिता और नियंत्रण दोनों बढ़ेंगे
विभागीय सूत्रों के अनुसार, ठेका पद्धति लागू होने पर शराब दुकानों का संचालन निजी हाथों में सौंपा जाएगा, जबकि सरकार केवल निगरानी और नियंत्रण की भूमिका निभाएगी। इस व्यवस्था से भ्रष्टाचार पर रोक, पारदर्शिता में सुधार और सरकारी खर्च में कमी की उम्मीद जताई जा रही है।
जानकारों का कहना है कि 2017 से पहले भी छत्तीसगढ़ में यही व्यवस्था थी, लेकिन 1 अप्रैल 2017 को सरकार ने इसे समाप्त कर खुदरा बिक्री का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया था। इसके लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) का गठन किया गया था, जो वर्तमान में सभी सरकारी शराब दुकानों का संचालन कर रहा है।
शराब घोटाले में बड़े नाम जेल में
भूपेश बघेल सरकार के दौरान हुए बहुचर्चित शराब घोटाले में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, होटल कारोबारी अनवर ढेबर, सेवानिवृत्त IAS अनिल टुटेजा, और अन्य कई आरोपित रायपुर जेल में बंद हैं, जबकि कुछ रसूखदार अभी जमानत पर बाहर हैं।
नई नीति के जरिये राज्य सरकार अब न केवल राजस्व बढ़ाने, बल्कि घोटालों और अनियमितताओं से मुक्त पारदर्शी सिस्टम लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
