Kodak Crisis : Cloud of crisis looms over Kodak, 133 year old company in danger of closing down
नई दिल्ली। फोटोग्राफी की दुनिया में कभी राज करने वाली 133 साल पुरानी कंपनी कोडक ने चेतावनी दी है कि उसके भविष्य पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। कंपनी ने 11 अगस्त को दाखिल एक रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा कि उसे अपने आने वाले कर्ज चुकाने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन मिलने को लेकर “गंभीर संदेह” है। इसे एकाउंटिंग की भाषा में गोइंग कंसर्न वार्निंग कहा जाता है, जिसका मतलब है कि कंपनी का संचालन बंद होने का जोखिम है।
इस घोषणा के बाद मंगलवार सुबह के ट्रेडिंग में कोडक के शेयर 26% गिरकर $5.05 पर आ गए। कोडक के प्रवक्ता ने इस मामले पर सिर्फ आधिकारिक बयान की ओर इशारा किया।
500 मिलियन डॉलर का कर्ज और पेंशन देनदारी
कंपनी के सामने इस समय करीब 500 मिलियन डॉलर का शॉर्ट-टर्म कर्ज और 200 मिलियन डॉलर से ज्यादा की पेंशन देनदारी है। पिछले साल कोडक ने कर्ज घटाने के लिए अपना पेंशन प्लान खत्म करने की घोषणा की थी। कंपनी के सीएफओ डेविड बुलविंकल ने कहा कि 15 अगस्त तक सभी पेंशन प्लान प्रतिभागियों को भुगतान करने का तरीका साफ हो जाएगा।
शानदार इतिहास, लेकिन बदलते वक्त के साथ संघर्ष
1880 के दशक में उपभोक्ता कैमरा लॉन्च करने और फिल्म रोल का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाली कोडक ने दशकों तक बाजार पर राज किया। लेकिन 1990 के दशक में डिजिटल कैमरों के आने से कंपनी पिछड़ गई और 2012 में दिवालिया हो गई। इसके बाद कंपनी ने कई कारोबार और पेटेंट बेच दिए और कैमरा निर्माण पूरी तरह बंद कर दिया।
आज कोडक पैकेजिंग और कमर्शियल प्रिंटिंग के साथ-साथ फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरिंग में हाथ आजमा रही है। कंपनी का नया प्लांट इस साल के अंत तक उत्पादन शुरू कर सकता है, लेकिन मौजूदा आर्थिक संकट से निकलना उसके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
