Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ HC की फटकार, चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा – कलेक्‍टर नदी की सफाई कर रहे हैं या फोटो खिंचाने का दिखावा

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Chhattisgarh High Court: बिलासपुर। DM नदी की सफाई कर रहे हैं, फोटो खिंचाने के लिए कर रहे हैं..!, कलेक्टोरेट में DM का काम छोड़ दें, वहीं सफाई करें..!, क्या है ये, क्या दिखाना चाहते हैं..? यह काम डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का है? चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की तीखी टिप्पणी से कोर्ट रूम स्तब्ध था.

Chhattisgarh High Court: अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन की मांग को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सोमवार को एक साथ सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि DM जिले के जिम्मेदार अधिकारी हैं, उन्हें सकारात्मक कदम उठाने चाहिए. क्या अरपा नदी इनके दो फावड़ा चलाकर साफ हो जाएगी? उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा वे पब्लिक सर्वेंट हैं,अपनी ड्यूटी ऑफिस में बैठकर करें. वे कहीं जा रहे हैं, कोई बात नहीं, लेकिन ये क्या कर रहे हैं..? चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बैंच ने कोर्ट ने पूरे राज्य में ऐसी चीजों और संस्कृति को लेकर नाराजगी जताई.

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Chhattisgarh High Court: बैंच ने नदी के सूखने पर चिंता जताई है. वहीं कोर्ट अवैध उत्खनन सहित परिवहन को रोकने को लेकर भी उठाए जा रहे कदम पर असंतुष्ट नजर आया. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को तय की है.

Chhattisgarh High Court: सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने इस पूरे मामले में सचिव के शपथ पत्र पेश किए जाने की जानकारी दी. वहीं राज्य शासन के अवैध उत्खनन परिवहन और भंडारण के बढ़ते मामले पर रोक लगाने के कोर्ट के निर्देश पर अन्य राज्यों के नियमों को परीक्षण करने एक 6 सदस्यीय समिति के गठित किए जाने की जानकारी दी. जिसमें खनिज विभाग के उपसंचालक और खनिज अधिकारी शामिल हैं. जिन्हें 30 दिन में रिपोर्ट पेश करने कहा गया है. इस समिति की रिपोर्ट में दिए परामर्श के बाद खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम के प्रावधान के नियमों में बदलाव से जुड़ी प्रक्रिया को विधि विभाग में पेश किए जाने की जानकारी दी.

Chhattisgarh High Court: वहीं अरपा नदी की सफाई और ट्रीटमेंट प्लांट के संबंध में आगे की प्रगति की भी जानकारी गई मांगी थी. जिस पर राज्य शासन के अधिवक्ता और नगर निगम के अधिवक्ता के माध्यम से शपथ पत्र में जवाब पेश किया गया है. हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले को लेकर खनिज विभाग के सचिव और नगर निगम आयुक्त बिलासपुर से शपथ पत्र में जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है.

 

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