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यशोदा हॉस्पिटल्स, हाईटेक सिटी में दो जटिल सर्जरी सफल, मरीजों को नई जिंदगी मिली

रायपुर – यशोदा हॉस्पिटल्स, हाईटेक सिटी ने अपनी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा और अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से दो अलग-अलग जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर मरीजों को एक नई जिंदगी दी। अस्पताल में एक ओर 18 वर्षीय किडनी ट्रांसप्लांट प्राप्तकर्ता श्री मयंक पटेल पर डीजे स्टेंट हटाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई, तो वहीं दूसरी ओर 76 वर्षीय श्री प्रेमचंद गोलछा पर ऑफ पंप कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग (CABG) और थुलियम लेजर प्रोस्टेट सर्जरी (ThuLEP) कर मरीज को गंभीर हृदय रोग और मूत्र संबंधित समस्या से राहत दिलाई गई।

 

श्री मयंक पटेल, जिन्हें क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD-V) का सामना करना पड़ा था और उन्होंने पहले किडनी ट्रांसप्लांट कराया था, को पोस्ट-ट्रांसप्लांट देखभाल के तहत डीजे स्टेंट हटाने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। वरिष्ठ कंसल्टेंट यूरोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. मल्लिकार्जुन रेड्डी एन के नेतृत्व में यह प्रक्रिया 18 फरवरी 2025 को सफलतापूर्वक पूरी की गई। डीजे स्टेंट हटाना ट्रांसप्लांट के बाद आवश्यक होता है, ताकि किडनी का सही कार्य सुनिश्चित किया जा सके और किसी भी संभावित जटिलता को रोका जा सके। डॉक्टरों की टीम ने श्री पटेल की करीबी निगरानी की और संक्रमण की रोकथाम के लिए एंटीबायोटिक्स दिए। उनकी स्थिति स्थिर होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और उन्हें एक महीने बाद पुनः जांच कराने की सलाह दी गई है।

 

वहीं, 76 वर्षीय श्री प्रेमचंद गोलछा को गंभीर ट्रिपल वेसल डिजीज, प्रोस्टेट वृद्धि और मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) की समस्या थी। उन्हें पहले से ही कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) था और 2015 में पर्सक्यूटेनियस ट्रांसल्यूमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (PTCA) करवाई गई थी। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित होने के कारण उनकी स्थिति और जटिल हो गई थी। 2 फरवरी 2025 को उन्हें वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया हुआ, जिसके चलते आपातकालीन CABG सर्जरी करनी पड़ी। इसके साथ ही, यूरोलॉजिकल समस्या को देखते हुए थुलियम लेजर एनुक्लिएशन ऑफ द प्रोस्टेट (ThuLEP) किया गया। वरिष्ठ कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. विक्रम रेड्डी एर्रा के नेतृत्व में मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम ने यह चुनौतीपूर्ण सर्जरी सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न की। सर्जरी के बाद मरीज को कार्डियक इंटेंसिव केयर यूनिट (CICU) में निगरानी में रखा गया, जहां उनकी रिकवरी सुचारू रूप से हुई और फिर उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। अस्पताल से डिस्चार्ज से पहले की गई सभी जांचों में सामान्य परिणाम आए।

 

यशोदा हॉस्पिटल्स, हाईटेक सिटी ने अपनी विशेषज्ञता और समर्पण से यह साबित कर दिया कि वह जटिल से जटिलतम मामलों को भी उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा के साथ संभाल सकता है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद देखभाल से लेकर गंभीर हृदय और यूरोलॉजिकल समस्याओं के उन्नत उपचार तक, अस्पताल की टीम मरीजों को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यशोदा हॉस्पिटल्स अपनी अत्याधुनिक तकनीक, कुशल डॉक्टरों और पेशेंट-फर्स्ट अप्रोच के साथ हृदय, यूरोलॉजी और मल्टी-स्पेशियलिटी केयर में अग्रणी बना हुआ है और लगातार विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवा प्रदान कर रहा है।

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