देश दुनियाchhattisagrhTrending Nowशहर एवं राज्य

KHABAR CHALISA SPECIAL तिरछी नजर : मुस्लिम पार्षदों की संख्या घटी …

KHABAR CHALISA SPECIAL तिरछी नजर : नगरीय निकाय चुनाव में इस बार अल्पसंख्यक वर्ग खासकर मुस्लिम पार्षदों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है। अल्पसंख्यक वर्ग के सिख और जैन पार्षदों में इजाफा हो गया है। भाजपा ने तो केवल 4-5 टिकट प्रदेश भर में दिया था उसमें भी कुछ को सफलता नहीं मिली है। छत्तीसगढ़ में मुस्लिम मतदाता की जनसंख्या एक प्रतिशत से अधिक होने का दावा किया जाता है। हालात यह है कि कांग्रेस की हालत नगरीय निकायों में खराब है। उसमें भी मुस्लिम प्रत्याशियों की हार कई बड़े राजनीतिक संकेत दे रहे हैं। आने वाले समय और कठिन चुनौती रहेगी।

कांग्रेस का पारवानी को समर्थन..

वैसे तो चैम्बर ऑफ कामर्स का चुनाव दलीय राजनीति से अलग रहा है लेकिन इस बार इसमें कांग्रेस और भाजपा के नेता सक्रिय हो गए हैं। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी मनमोहन अग्रवाल तो जय व्यापार पैनल के मुख्य चुनाव संचालक बन गए। पूर्व मेयर प्रमोद दुबे भी अमर पारवानी को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं। यानी कांग्रेस नेताओं की पारवानी पसंद हैं।
भाजपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं और प्रदेश कोषाध्यक्ष नंदन जैन पर नजरें टिकीं हुई। वो व्यापारी एकता पैनल का साथ देते हैं या पारवानी का समर्थन करते हैं। आने वाले दिनों में व्यापारियों के बीच चुनावी माहौल गरमाएगा।

रेणुका के खिलाफ पूर्व गृहमंत्री का मोर्चा…

प्रदेश के तकरीबन सभी 33 जिलों में भाजपा का जिला पंचायतों में कब्जा तय माना जा रहा है। कांग्रेस से कोई ठोस प्रयास नहीं होने के कारण जिला पंचायतों में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है। प्रदेश में एक साथ पांच मार्च को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव होंगे।
जिला पंचायतों में कई जगहों पर भाजपा के नेता ही आमने-सामने आ गये हैं। सूरजपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह की पुत्री मोनिका सिंह को रोकने के लिए स्थानीय नेता एक जुट हो गए हैं। पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा से जुड़े लोग 15 में से 8 जिला पंचायत सदस्यों को लेकर तीर्थाटन पर निकल गए हैं। पैकरा,रेणुका सिंह की बेटी को किसी भी हाल में अध्यक्ष बनने नहीं देना चाहते हैं।

कुछ और जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा विधायक विशेष रूचि ले रहे हैं। भाजपा विधायक अपनी पसंद का जिला पंचायत अध्यक्ष या उपाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं ताकि वो भविष्य में उनके लिए चुनौती न बन पाए। इन सबके बावजूद पार्टी संगठन की हरेक जिले पर पैनी नजर है और प्रत्याशियों के नाम प्रदेश से ही तय किए जाएंगे, इसके लिए पर्यवेक्षकों को हिदायत दी गई है। चुनाव के बाद ही पता चलेगा कि संगठन की रणनीति कामयाब होती है या नहीं।

दागी अफसर किनारे होंगे..

विधानसभा सत्र निपटने के बाद पुलिस और प्रशासन में बड़े पैमाने पर फेरबदल की योजना बनाई गयी है। ऐसे अफसरों को किनारे लगाने की तैयारी है जिनकी छवि अच्छी नहीं है। सरकार बदलने के बावजूद ये सभी प्रभावशाली बने हुए हैं।
पार्टी व सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि निकाय व पंचायत चुनाव में भारी जीत के बाद कामकाज दिखाना जरूरी है। प्रशासन में पारदर्शिता के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। साल भर में ही कुछ मंत्रियों की छवि खराब हो गई है, लेकिन उनका बाल-बांका नहीं हो पाया है। ऐसे मंत्रियों को भी ठिकाने लगाने की तैयारी है। उनकी निजी स्टाफ पर भी नजर रखी जा रही है। चर्चा है कि पुलिस व प्रशासन में बदलाव पर पार्टी हाईकमान की दखल रहेगी। इस बदलाव पर पार्टी के स्थानीय नेताओं की नजर टिकी हुई है।

पोस्टिंग के लिए जोड़ तोड़..

पुलिस में ऐसे पद के लिए भी लेनदेन की चर्चा है। जिसे आमतौर पर आईपीएस अफसरों के लिए लूपलाईन माना जाता रहा है। सवाल उठ रहा है कि ऐसे पद के लिए अफसरों की दिलचस्पी क्यों है? यह बात सामने आई है कि पुलिस में भर्ती बड़े पैमाने पर हो रही है। नक्सल उन्मूलन के लिए अभियान चल रहा है। इस वजह से लूपलाईन वाले पद भी महत्वपूर्ण हो गये हैं। पद महत्वपूर्ण होगा तो अफसर पोस्टिंग के लिए ललचाएंगे ही। ऐसे में लेन-देन की चर्चा हो रही है तो वो बेवजह नहीं है।

advt03-march2025
advt02-march2025
advt-march2025
birthday
Share This: