Arvind Kejriwal Corruption Case: चुनाव से पहले बढ़ी अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें, LG ने ED को मुकदमा चलाने की दी मंजूरी
Arvind Kejriwal Corruption Case: नई दिल्ली. दिल्ली के उप-राज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है, जिससे फरवरी में होने वाले दिल्ली चुनावों का माहौल गरमा गया है. आम आदमी पार्टी (आप) भ्रष्टाचार खत्म करने के वादे पर बनी थी और केजरीवाल ने खुद को “साफ-सुथरे नेता” के रूप में पेश किया था. हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस ने लगातार इन दावों पर सवाल उठाए हैं और सत्तारूढ़ सरकार पर हमला किया है.
मामले को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की आई प्रतिक्रिया
एलजी के इस कदम पर पहली प्रतिक्रिया केजरीवाल के सहयोगी और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की आई, जिन्होंने एक्स पर कहा, “अगर एलजी ने ईडी को मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, तो इसकी कॉपी कहां है? यह साफ है कि यह एक अफवाह है.” दरअसल, सभी ‘आप’ नेताओं ने एलजी की मंजूरी का सबूत मांगा है और इस पर सवाल उठाए हैं.
जो भी हो, ‘आप’ इस घटनाक्रम का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए करेगी कि बीजेपी घबराई हुई है और एक बार फिर अपने विरोधियों को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. इतना ही नहीं, ‘आप’ इस मुद्दे पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश करेगी और दिल्ली चुनावों के लिए अपने मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास करेगी.
शराब घोटाले में केजरीवाल ‘किंगपिन’
लेकिन, बीजेपी के लिए यह सबूत है जिसे वे दिखाना चाहेंगे कि ‘आप’ पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी हुई है – और वह भी सबसे ऊपर तक. उनका कहना है कि शराब घोटाला एक ऐसा मुद्दा है जो दिखाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री “मुख्य साजिशकर्ता” हैं और वे जिम्मेदारी से बच नहीं सकते. वे यह भी बता रहे हैं कि ईडी के नोट में होटल में ठहरने और पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय से पैसे के लेन-देन के सबूत हैं और अगर वे फिर से सत्ता में आते हैं, तो भ्रष्टाचार चरम पर होगा और इसका लाभ जनता को नहीं मिलेगा.
शराब घोटाला क्या है?
शराब घोटाला केस दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति को बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और मनीलॉन्ड्रिंग से जुड़ा है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. एलजी सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसके बाद, ईडी ने पीएमएलए के तहत एक मामला दर्ज किया.
55 साल के केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को इस मामले में दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है. केजरीवाल की भूमिका के बारे में, 209 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया है, “अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली एक्साइज घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता और प्रमुख षड्यंत्रकारी हैं, जो दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आम आदमी पार्टी के नेताओं और अन्य व्यक्तियों के साथ मिलीभगत में शामिल हैं.”