UG-PG COURSE : यूजी और पीजी कोर्स में मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, अब साल में 2 बार मिलेगा एडमिशन का मौका
UG-PG COURSE: Multiple entry-exit in UG and PG courses, now you will get the chance for admission twice a year.
नई दिल्ली। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने वाले छात्र साल में दो बार एडमिशन ले सकेंगे। छात्रों को लचीली शिक्षा स्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए यूजी और पीजी कोर्स में मल्टीप्ल एंट्री और एग्जिट का विकल्प होगा। इसके तहत छात्र विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में साल में दो बार एडमिशन ले सकेंगे। पहली बार जुलाई/ अगस्त और दूसरी बार जनवरी/फरवरी में विद्यार्थियों को यूजी पीजी कोर्स में दाखिले का मौका मिलेगा। इसके अलावा जो अभ्यर्थी बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ना चाहते हैं उन्हें एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट में मिलेगा।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री के लिए न्यूनतम मानक निर्देशक 2024 के लिए गाइडलाइन का ड्राफ्ट तैयार किया है। जिसका उद्देश्य अधिक फ्लैक्सिबिलिटी मल्टी डिसीप्लिनरी लर्निंग को बढ़ावा देना और एजुकेशन पॉलिसी 2020 के दृष्टिकोण के साथ एकेडमिक फ्रेमवर्क को तैयार करना है। इसके नियमों के मुताबिक छात्र नियमित, लर्निंग और डिस्टेंस मोड़ में कोर्स कर सकते हैं। छात्र शिक्षा सत्र जुलाई अगस्त के अलावा जनवरी-फरवरी में भी एडमिशन ले सकते हैं। यदि उस कोर्स समय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन दिया जाना होगा तो विद्यार्थी उस प्रवेश परीक्षा को दिलाकर दाखिला ले सकते है। विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों से उनका अभिमत पूछा जाएगा। यदि वह इस पॉलिसी को लागू करने के लिए तैयार होंगे तब वहां यह पॉलिसी लागू की जाएगी।
विश्वविद्यालय और कॉलेज अपनी कुल एडमिशन क्षमता के 10% तक छात्रों को ई अर्थात (एक्सेस ड्यूरेशन प्रोग्राम) और एडीपी अर्थात (एक्सीलरेटेड ड्यूरेशन प्रोग्राम) की अनुमति देंगे। ईडीपी के तहत विद्यार्थी 3 वर्ष के ग्रेजुएशन कोर्स को 4 वर्ष में पूरा कर सकते हैं। वही एडीपी के तहत 2 वर्ष में पूरा कर सकते हैं। यूजीसी के अध्यक्ष के अनुसार यदि छात्र एक सत्र में दो अलग-अलग यूजर पीजी कोर्स कर रहे हैं तो उनकी दोनों डिग्रियां मान्य मानी जाएगी। यदि विद्यार्थी कोर्स पूरा करने से पहले ही बीच में पढ़ाई छोड़ते हैं तो बाद में उन्हें फिर से जहां से पढ़ाई छोड़ी है उसके आगे पढ़ने के लिए दाखिला लेने की पात्रता होगी।
इस परीक्षा प्रणाली में छात्रों को प्रत्येक विषय में कुल क्रेडिट का 50% अंक लाना अनिवार्य होगा। शेष 50% क्रेडिट कौशल विकास प्रशिक्षुता या बहु विषयक विषयों के माध्यम से कवर किए जा सकते हैं। जिससे विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के अलावा व्यवहारिक ज्ञान भी मिलेगा। अर्थात छात्र मुख्य प्रश्न पत्र में केवल 50% अंक हासिल कर काम चला सकते हैं। बाकी 50% क्रेडिट स्किल कोर्स, इंटर्नशिप और अन्य विषयों से लिए जाएंगे। इस ड्राफ्ट पर यूजीसी ने 23 दिसंबर तक लोगों के विचार मांगे हैं फिर इसे अंतिम रूप से लागू कर दिया जाएगा।