हॉस्पिटल में अचानक गिरी लिफ्ट: पैर फंसने पर 45 मिनट तक उल्टी लटकी रही महिला, हुई मौत
मेरठ। कैपिटल अस्पताल की लिफ्ट के अंदर महिला का पैर फंसने से 45 मिनट तक उल्टी लटकी रही। पुलिस और दमकल की टीम को बुलाकर लिफ्ट को कटर से काटा गया और लकड़ी की बल्लियों से गेट को तिरछा करने के बाद ही महिला को निकाला गया। तब तक महिला पूरी तरह से बदहवास हो चुकी थी। दरअसल, प्रसव होने के कारण इतने समय उल्टी लटकने से उसकी मौत हुई है।सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार ने बताया कि करिश्मा का उपचार डा. कविता भाटिया की देखरेख में चल रहा था। अस्पताल के अंदर से मिले रजिस्टर में पुलिस को डा. कविता भाटिया का नाम मिला है। पुलिस डा. कविता भाटिया से भी पूछताछ करेगी। पुलिस ने महिला को स्ट्रेचर पर लेकर आ रहे राजा उर्फ भूरा और वसीम निवासीगण समर गार्डन से पूछताछ की।
आखिर हुआ क्या?
सीओ ने बताया कि दोनों कर्मचारियों ने बताया कि महिला को स्ट्रेचर पर लेकर लिफ्ट में सवार हो गए थे। ग्राउंड फ्लोर पर गेट खोला। लिफ्ट से खुद उतरने के बाद स्ट्रेचर को खींच रहे थे। तभी लिफ्ट गिर गई। लिफ्ट का गेट बंद होने से महिला के पैर फंस गए। महिला लिफ्ट के अंदर उल्टी लटक गई। गेट को काफी खोलने का प्रयास किया। लेकिन गेट नहीं खुल पाया। तब घटना की जानकारी पुलिस को दी। सूचना के बाद पुलिस और दमकल की टीम मौके पर पहुंची। कटर से लिफ्ट का दरवाजा काटा गया। उसके बाद भी नहीं खुल सका।
उसके बाद लकड़ी की बल्लियां लाकर गेट के अंदर घुसाई गईं। काफी लोगों ने बल्लियों से गेट को खोला, तब तक 45 मिनट हो चुके थे। गेट खुलने के बाद महिला सिर के बल लिफ्ट में गिर गई। उसके बाद महिला बोल नहीं पाई। तत्काल ही उसे आनंद अस्पताल ले जाया गया, जहां देखते ही चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। डाक्टरों का कहना है कि प्रसव होने के बाद महिला का इतने लंबे समय उल्टे लटकना ही मौत की वजह बना है।
भीड़ जमा होती गई और आक्रोश बढ़ता गया
करिश्मा लिफ्ट में फंसी थी। स्टाफ अस्पताल छोड़कर भाग गया था। इसी बीच महिला के स्वजन ने अपने रिश्तेदारों और ग्रामीणों को बुलाया। महिला के 45 मिनट तक अंदर फंसने की वजह से लोगों की भीड़ अस्पताल में बढ़ गई। भीड़ को देखकर स्टाफ भी भागने लगा। तभी लोगों का सब्र जवाब दे गया। देखते ही देखते तोड़फोड़ शुरू हो गई।