SEX RACKET BREAKING : नाबालिग लड़कियों के देह व्यापार का भंडाफोड़, पुलिस ने किया बड़ा ऑपरेशन
SEX RACKET BREAKING: Prostitution of minor girls busted, police conducted a major operation
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में देह व्यापार के चंगुल से 12 नाबालिग लड़कियों को छुड़ाया गया है. ये लड़कियां त्रिपुरा, पश्चिमबंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, और कर्नाटक जैसे विभिन्न राज्यों से लाई गई थीं. हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से तीन लड़कियांबांग्लादेश से भी लाई गई थीं. पुलिस के अनुसार, इन लड़कियों को या तो नौकरी के झांसे में फंसाकर बेंगलुरु लाया गया था या उनकेपरिवारों ने ही उन्हें बेच दिया था.
पुलिस की छापेमारी और रेस्क्यू ऑपरेशन
इस रेस्क्यू ऑपरेशन को सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) के महिला संरक्षण विभाग ने बेंगलुरु स्थित एनजीओ की मदद से अंजाम दिया. यहकार्रवाई खास इनपुट के आधार पर की गई थी. लड़कियों की उम्र 14 से 17 साल के बीच है. उन्हें अब राज्य–प्रायोजित पुनर्वास केंद्रों मेंभेजा गया है, जहां उनकी काउंसलिंग कराई जाएगी. पुलिस का कहना है कि भारतीय राज्यों से आने वाली लड़कियों को जल्द ही उनकेपरिवारों को सौंप दिया जाएगा, जबकि बांग्लादेश से आई लड़कियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके देश वापस भेजा जाएगा.
पुलिस कमिश्नर बी. दयानंदा ने मंगलवार को बताया कि 26 लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. इनके साथ तीन ग्राहक भीपकड़े गए. सभी आरोपियों पर Prevention of Immoral Traffic Act और मानव तस्करी से जुड़े विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्जकिया गया है.
लड़कियों को कैसे फंसाया गया?
पुलिस के बयान के अनुसार, इन नाबालिग लड़कियों को अच्छी नौकरी और बेहतर जीवन का लालच देकर बेंगलुरु लाया गया था. बेंगलुरु पहुंचने के बाद उन्हें जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया. कुछ लड़कियों को परिवार की सहमति से लाया गया था, औरपुलिस इस पहलू की गहराई से जांच कर रही है.
विशेष जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश से लाई गई लड़कियों को बेंगलुरु पहुंचाने के लिए एक एजेंट की मदद ली गई थी. यह एजेंटभारत–बांग्लादेश सीमा पार कराने में माहिर था, जिसका फायदा उठाकर लड़कियों को शहर में लाया गया. पुलिस इस नेटवर्क का पतालगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट की भी जांच कर रही है.
इस घटना ने बेंगलुरु में बढ़ते देह व्यापार और मानव तस्करी के गंभीर खतरे को उजागर किया है. नाबालिग लड़कियों का इस तरहशोषण होना न केवल कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों पर भी सवाल खड़े करता है. पुलिस औरएनजीओ का यह संयुक्त अभियान सराहनीय है, लेकिन मानव तस्करी की जड़ों को खत्म करने के लिए और सख्त कदम उठाने कीजरूरत है.