VIDEO: Parliament budget session started in a ruckus, when Rahul Gandhi asked a question on NEET…
संसद के बजट सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही. लोकसभा में नीट यूजी परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर विपक्षी सांसदों द्वारा पूछेगए सवालों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा,’पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है. यह (नीट) मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के गठन के बाद 240 सेअधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं. इस दौरान इन विभिन्न परीक्षाओं में 5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया और4.5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने इसमें भाग लिया.’
विपक्ष की ओर से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने चार्ज संभाला. प्रश्व पत्र लीक के मामले में शिक्षा मंत्रीधर्मेंद्र प्रधान के जवाब पर पलटवार करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज भरे लहजे में कहा, ‘यह सरकार कुछ और करे या नकरे, मुझे लगता पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी.’ उन्होंने एनटीए द्वारा नीट यूजी परीक्षा का सेंटर वाइज रिजल्ट अपलोड करने काजिक्र करते हुए कहा, ‘कुछ सेंटर तो ऐसे हैं जहां 2000 से ज्यादा छात्र पास हुए हैं. जब तक यह मंत्री (शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान) हैं, छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा.’ इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब देते हुए कहा, ‘जब अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे, उनके कार्यकाल मेंपरीक्षाओं में कितनी धांधली हुई थी, उसकी पूरी लिस्ट मौजूद है.’
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘मुद्दा यह है कि देश में लाखों छात्र हैं जो पेपर लीक से बेहद चिंतितहैं. उन्हें लगने लगा है कि भारत की परीक्षा प्रणाली एक धोखाधड़ी है. लाखों लोग मानते हैं कि यदि आप अमीर हैं और आपके पास पैसाहै, तो आप भारत की परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं और यही भावना विपक्ष की भी है. यह पूरे देश के सामने स्पष्ट है कि हमारीपरीक्षा प्रणाली में न केवल NEET बल्कि सभी प्रमुख परीक्षाओं में बहुत गंभीर समस्या है. मंत्री (धर्मेंद्र प्रधान) ने खुद को छोड़कर बाकीसभी को दोषी ठहराया है. मुझे तो लगता है कि हां जो कुछ हो रहा है उसके बुनियादी सिद्धांतों को भी वह नहीं समझते हैं.’
राहुल गांधी ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से पूछा कि इस समस्या के समाधान के लिए रणनीतिक स्तर पर आप क्या रहे हैं. पेपर लीक कोरोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं? राहुल गांधी द्वारा अपनी समझ पर सवाल उठाए जाने और भारत की परीक्षा प्रणाली को फ्रॉडबताने पर धर्मेंद्र प्रधान ने कड़ी आपत्ति जतायी. उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ‘मेरी जो शिक्षा है, मेरे जो संस्कार हैं, मेरा जो सामाजिकजीवन है, मुझे मेरे सूबे की जनता की स्वीकृति मिली है. मुझे इस सदन के किसी भी सदस्य से मेरी बौद्धिक क्षमता और संस्कार परसर्टिफिकेट नहीं चाहिए. देश की जनता ने मेरे नेता नरेंद्र मोदी को चुनकर प्रधानमंत्री बनाया है और मैं उनके निर्णय से यहां सदन को उत्तरदे रहा हूं.’
देश की परीक्षा प्रणाली को फ्रॉड बताना दुर्भाग्यपूर्ण: प्रधान
उनके इतना कहने पर विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे. इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि चिल्लाने से सच झूठ नहीं हो जाएगा. ये जो कहागया कि देश की परीक्षा प्रणाली फ्रॉड है, देश के नेता प्रतिपक्ष की तरफ से इससे दुर्भाग्यपूर्ण बयान कुछ नहीं हो सकता. मैं कठोर शब्दोंमें उनके इस बयान की निंदा करता हूं. जिन्होंने रिमोट से सरकारें चलायी हैं, उन्हीं के पार्टी के नेता कपिल सिब्बल 2010 में शिक्षा सुधारके तीन बिल लाए थे. उनमें से एक था प्रोहिबिशन ऑफ अनफेयर प्रैक्टिस बिल, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों में अनियमितता परअंकुश लगाना.
उन्होंने आगे कहा, ‘यह मेरी सरकार की हिम्मत है कि हम हाल ही में सार्वजनिक परीक्षाओं में होने वाली धांधली को रोकने के लिएकानून लेकर आए. क्या मजबूरी थी कि तब उनकी पार्टी ने प्रोहिबिशन ऑफ अनफेयर प्रैक्टिस बिल का विरोध किया था, किसके दबावमें बिल वापस ले लिया था? क्या निजी मेडिकल कॉलेजों की घुसखोरी के दबाव में उन्होंने उस वह बिल वापस ले लिया था. मैं किसी कीविद्वता पर प्रश्नचिन्ह नहीं खड़ा कर रहा. लेकिन शिक्षा सुधार पर उन्हीं के नेता बिल लाए थे और दबाव में उनकी पार्टी ने इसे वापस लेलिया था. आज ये हमसे सवाल पूछ रहे हैं.’ धर्मेंद्र प्रधान के इस बयान के बाद विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामे के कारणलोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
