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विशेष : मुख्यमंत्री की ‘मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना’ से दिया जा रहा प्रदेश की संस्कृति की ओर विशेष ध्यान, युवाओं को जागरूक करने के लिए भी किए जा रहे विशेष कार्य

रायपुर। मुख्यमंत्री डा. भूपेश बघेल ने “मुख्यमंत्री विरासत झरोखा और मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना” नामक दो नई योजनाएं शुरू की। इस योजना का उद्देश्य, प्रदेश की समृद्ध पुरातत्व और ऐतिहासिक धरोहरों से आम जनता और महाविद्यालयीन और स्कूली बच्चों को परिचित कराना है। जिसके लिए बजट में 99 लाख रु. के प्रावधान भी किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. भूपेश बघेल, जब से सत्ता में आए हैं तब से जनता के हित और हमारी संस्कृति को बढ़ावा और पूरी दुनिया में पहचान दिलाने के लिए कई योजना ला रहे हैं। इन योजनाओं से न सिर्फ जनता को लाभ मिल रहा हैं बल्कि प्रदेश का विकास भी हो रहा है। इनमें हमारे प्रदेश की संस्कृति और धरोहर की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री डा. भूपेश बघेल ने “मुख्यमंत्री विरासत झरोखा और मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना” नामक दो नई योजनाएं शुरू की। इस योजना का उद्देश्य, प्रदेश की समृद्ध पुरातत्व और ऐतिहासिक धरोहरों से आम जनता और महाविद्यालयीन और स्कूली बच्चों को परिचित कराना है। जिसके लिए बजट में 99 लाख रु. के प्रावधान भी किए गए हैं।

इस योजना के तहत हर वर्ष राज्य के प्रत्येक जिले से दो महाविद्यालय व शासकीय कार्यालय का चयन किया जाएगा। चयनित महाविद्यालय व कार्यालय में ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक धरोहरों की प्रतिकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही इस योजना के तहत राज्य शासकीय-अर्द्धशासकीय स्कूलों व कालेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को ऐतिहासिक धरोहर के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना में प्रतिवर्ष प्रत्येक जिले के 3 स्कूलों व कॉलेज का चयन किया जाता है।

क्या है “मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना”
दरअसल छत्तीसगढ़ बजट सत्र 2023-24 के दौरान मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि, “प्राचीन स्मारकों की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति जन जागरूकता विकसित करने एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से युवा पीढ़ी का परिचय कराने के लिए मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके अंतर्गत राज्य संरक्षित स्मारक स्थलों पर धरोहर मित्र नियुक्त किये जायेंगे तथा शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियों को भ्रमण हेतु अनुदान की सुविधा दी जायेगी। मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना का उद्देश्य राज्य शासकीय-अर्द्धशासकीय स्कूलों व कालेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को ऐतिहासिक धरोहर के प्रति जागरूक करना है। इस योजना में प्रतिवर्ष प्रत्येक जिले के 3 स्कूलों व कॉलेज का चयन किया जाएगा”।

99 लाख रु. का किया गया प्रावधान
वहीं, “प्रदेश के प्राचीन शिल्प, स्थापत्य एवं कलाकृतियों को प्रत्येक जिले के चिन्हित कार्यालय अथवा महाविद्यालय में प्रतिकृतियों के माध्यम से प्रदर्शन करने हेतु मुख्यमंत्री विरासत झरोखा योजना की भी शुरुवात की गई। इसके लिए 99 लाख का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री विरासत झरोखा योजना में हर वर्ष राज्य के प्रत्येक जिले से दो महाविद्यालय व शासकीय कार्यालय का चयन किया जाएगा। चयनित महाविद्यालय व कार्यालय में ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक धरोहरों की प्रतिकृतियों का प्रदर्शन किया जाता है।” इससे आम जनता के साथ-साथ महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं में छत्तीसगढ़ की समृद्ध पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति लगाव और जुड़ाव की भावना जाग रही है।

इन्हें मिली जिम्मेदारी
इन दोनों ही योजनाओं में स्कूलों-महाविद्यालय और शासकीय कार्यालयों के चयन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति होगी। समिति में पुलिस अधीक्षक/मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जिला पंचायत), संचालक पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा नामांकित कार्यालयीन प्रतिनिधि, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा नामांकित व्यक्ति तथा कलेक्टर द्वारा नामांकित महाविद्यालय का प्राचार्य सदस्य होंगे। उक्त दोनों योजना का प्रशासनिक विभाग छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग होगा तथा इनके क्रियान्वयन हेतु नोडल कार्यालय संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय रायपुर होगा।

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