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100 % सक्सेस रेट के साथ 5 महीने मे 100 मरीजों की सफल हार्ट सर्जरी

रायपुर।  100/100 पढ़कर आपको थोड़ा आश्चर्य हो रहा होगा… कि ये गणित में मिले नंबर है! नहीं, ये गणित में मिले किसी छात्र के नंबर नहीं बल्कि मोवा स्थित श्री बालाजी हॉस्पिटल की उपलब्धि है। डॉ देवेंद्र नायक के नेतृत्व में चल रहे श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में पिछले 5 महीने में कार्डियक सर्जन डॉ विवेक वाधवा में मरीजों की 100 हार्ट सर्जरी की। इसमें 2 साल से लेकर 82 वर्ष के मरीज शामिल है, जो विभिन्न प्रकार की हार्ट से जुड़ी समस्या लेकर पहुंचे थे। इसमें कुछ ऐसे भी है कि जिन्होंने पहले अन्य अस्पताल में हार्ट सर्जरी कराई थी, लेकिन उन्हें पुनः सर्जरी की जरूरत पड़ी।अस्पताल के लिए सबसे गर्व की बात ये है कि 100 में से 100 मरीज पूरी तरह स्वस्थ्य है और उन्हें किसी भी प्रकार की कोई हार्ट से जुड़ी समस्या नहीं है। इसमें वॉल रिपेयर, वॉल रिप्लेसमेंट, एरोटिक सर्जरी, बाई पास सर्जरी, बेंटाल सर्जरी और मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी (छोटे चीरे से की गई हार्ट सर्जरी) शामिल है।

2 से 8 दिन में मरीज हो गए अस्पताल से डिस्चार्ज

मरीज और उनके परिजनों के मन में छत्तीसगढ़ में ओपन हार्ट सर्जरी कराने को लेकर एक धारड़ा है कि यहां भर्ती होने से मरीज को लंबे वक्त तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है और मेट्रो सिटी में उन्हें जल्द छुट्टी मिल जाती है। तो आपको बता दें कि ये धारड़ा पूरी तरह गलत है। श्री बालाजी हॉस्पिटल में ओपन हार्ट सर्जरी कराने वाले मरीजों को 2 से 8 दिन के अंदर डिस्चार्ज कर दिया गया है।

क्या होता है श्री बालाजी हॉस्पिटल में सर्जरी कराने का फायदा

कार्डियक सर्जरी का नाम सुनते ही दिमाग में सबसे पहले ओपन हार्ट सर्जरी का नाम आता है। लेकिन मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी की नई तकनीक आने के बाद अब मरीजों को ओपन हार्ट सर्जरी कराने की जरूरत नहीं पड़ रही है। बल्कि कुछ खास उपकरणों की मदद से एक सर्जन छोटे से चीरे के जरिए हार्ट सर्जरी कर सकता है। इस तकनीक की मदद से कई मरीजों की सफल हार्ट सर्जरी की गई है। श्री बालाजी हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ. विवेक वाधवा ने बताया कि पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी में लगभग 8 से 10 इंच का चीरा लगाया जाता है। लेकिन मिनिमल इनवेसिव तकनीक से अधिकांश मामलों में वहीं सर्जरी लगभग 2.5 इंच के चीरे से की जा सकती है।

डॉ. वाधवा ने कहा कि मिनिमली इनवेसिव तकनीक का उपयोग कर दिल की कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. जैसे बाईपास सर्जरी, वॉल्व रिपेयर एंड रिप्लेसमेंट और दिल के छेद जैसे मामले। उनके मुताबिक इस तकनीक की कुछ सीमाएं भी हैं क्योंकि इमरजेंसी में और हर मरीज के लिए हर परेशानी के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा सकता।

अस्पताल का कार्डियक डिपार्टमेंट है सबसे एडवांस और सबसे अनुभवी टीम

श्री बालाजी हॉस्पिटल में सबसे एडवांस कार्डियक डिपार्टमेंट है. जहां अनुभवी डॉक्टरों की टीम है। अनुभवी टीम में डॉ बविंदर सिंह चुग एमडी (जनरल मेडिसिन), डीएम कार्डियोलॉजी, डॉ काकू सिंह भाटिया एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी (सीएमसी वेल्लूर) और कार्डियक सर्जन के रूप में डॉ विवेध वाधवा, एमएस, एमएसीएच (सीटीवीएस) पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ है। अस्पताल में अत्याधुनिक फिलिप्स एफडी. 15 फ्लैट पैनल कैथ लैब, मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर और सर्व सुविधायुक्त कार्डियक आईसीयू मौजूद है।

ये है कार्डियक ट्रीटमेंट का पैकेज

अस्पताल में डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना (राशन कार्ड), जो आयुष्मान कार्ड के नाम से भी जाना जाता है, उससे इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा एंजिग्राफी शुल्क की बात करें तो 4999, एंजीयोप्लास्टी 95 हजार और बीटिंग हार्ट बाईपास सर्जरी का शुल्क 1 लाख 30 हजार रूपए है।

क्या है मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी के फायदे

  • छाती की मुख्य हड्डी काटनी नहीं पड़ती।
  • ऑपऱेशन के बाद मरीज की रिकवरी तेजी से होती है।
  • सामान्य सर्जरी के मुकाबले दर्द काफी कम होता है।
  • इंफेक्शन का खतरा काफी कम होता है।
  • अस्पताल से जल्द छुट्टी।
  • नार्मल लाईफ में 1 हफ्ते में लौट सकता है मरीज।
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