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भूपेश जवाब दें, हसदेव में बलपूर्वक पेड़ों का कत्लेआम क्यों: भाजपा

रायपुर। वरिष्ठ आदिवासी नेता पूर्व सांसद नंदकुमार साय, रामविचार नेताम, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री विष्णुदेव साय, भाजपा सांसद श्रीमती गोमती साय, प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, पूर्व मंत्री, विक्रम उसेंडी, महेश गागड़ा, लता उसेंडी, जनजाति मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम ने एक संयुक्त बयान जारी कर हसदेव में फिर से पेड़ों की कटाई शुरू होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सीधा सवाल किया है कि आखिर उनकी मंशा क्या है?

संयुक्त बयान में नेताओं ने पूछा कि जब विधानसभा में अशासकीय संकल्प हसदेव मामले में पेश हुआ था तब स्वयं मुख्यमंत्री ने भी उसका समर्थन किया था तो अब भारी पुलिस बल की तैनाती में बलपूर्वक पेड़ों की कटाई क्यों की जा रही है?

उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं कि जंगल के पेड़ तो क्या एक डंगाल तक नहीं कटेगी और दूसरी तरफ हसदेव में जंगल उजाड़ने के लिए भारी फोर्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को बंधक बनाकर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई फिर से की जा रही है। मुख्यमंत्री बतायें कि यह दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है।

भाजपा के आदिवासी नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि हसदेव के जंगलों के मुद्दे पर कांग्रेस शुरू से दोहरी राजनीति कर रही है। कोल ब्लॉक आवंटन के समय जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विपक्ष में थी, तब भूपेश बघेल से लेकर राहुल गांधी तक संसार के सबसे बड़े वन्यप्रेमी बनकर कह रहे थे कि पेड़ नहीं कटने देंगे। अब दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कहने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फौरन पेड़ कटाई की अनुमति दे दी। पेड़ बचाने की कसमें खाने वाले पेड़ों के कत्लेआम के सूत्रधार बन बैठे हैं।

भूपेश बघेल आंदोलनकारियों को प्रताड़ित कर पेड़ कटवा रहे हैं, और तो और आंदोलन करने वालों को बता रहे हैं कि बिजली के लिए कोयला चाहिए। पहले वे लोग अपने घर की बिजली बंद कर दें फिर आंदोलन करें। सवाल यह है कि क्या पहले भूपेश बघेल और राहुल गांधी ने अपने घर की बत्ती बुझाकर आंदोलन किया था? कांग्रेस बताये कि कौन सी डील हो गई है जो अब अपना नजरिया बदल कर बल पूर्वक जंगल कटवा रहे हैं।

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