GOVERNMENT SCRAP CENTERS : सरकारी स्क्रैप सेंटर खोलकर कमा सकतें है लाखों रुपया, पढ़ें पूरी खबर
GOVERNMENT SCRAP CENTERS: You can earn lakhs of rupees by opening a government scrap center, read the full news
डेस्क। राज्य भर में पुरानी या दुर्घटना ग्रस्त गाड़ियों को कबाड़ में नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इसको लेकर परिवहन विभाग ने गाड़ियों को नष्ट करने के लिए स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति देना शुरू कर दिया है। कुल 15 जिले में 20 स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति विभाग ने दे दी गयी है। विभाग ने सबसे अधिक पटना में पांच स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति दी है। जबकि वैशाली में तीन आवेदकों ने स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति ली है. वहीं बाकी 12 जिले में एक-एक आवेदकों ने कबाड़ केंद्र खोलने के लिए आवेदन दिया गया था। जिसकी मंजूरी मिल गयी है. इसमें समस्तीपुर, सीवान, भागलपुर, दरभंगा, नालंदा, लखीसराय, पूर्णिया, बांका, गोपालगंज, कटिहार, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा शामिल है।
पुराने और खटारा वाहनों को नष्ट करने के लिए राज्य में स्क्रैप सेंटर यानी कबाड़ केंद्र खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। परिवहन विभाग ने अभी तक 15 जिले में 20 स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति दी है। इनमें सर्वाधिक पांच स्क्रैप केंद्र पटना में हैं। इसके अलावा वैशाली में तीन जबकि मधुबनी, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा और समस्तीपुर समेत 12 जिलों में एक-एक आवेदकों को कबाड़ केंद्र खोलने की अनुमति मिली है। 15 साल पुरानी व्यावसायिक या 20 वर्ष से अधिक पुरानी निजी गाड़ियां जिनका रजिस्ट्रेशन दोबारा नहीं किया गया हो, वह कबाड़ केंद्र में स्क्रैप होंगी। इसके अलावा वाहन मालिक अपनी इच्छा से भी पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करा सकेंगे।
आप भी खोल सकते हैं स्क्रैप सेंटर –
गाइडलाइन के अनुसार कोई भी व्यक्तिगत तौर पर या फर्म, सोसाइटी या ट्रस्ट के जरिए वाहन कबाड़ केंद्र खोल सकता है। सरकार की ओर से अधिकतम 10 साल के लिए कबाड़ केंद्र का लाइसेंस जारी किया जाएगा जिसके बाद इसे नवीकरण कराना होगा। इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से इजाजत लेनी होगी। बोर्ड की टीम सेंटर का दौरा करेगी और फिर सारे मानक पूरे होने पर अधिकृत लाइसेंस जारी करेगी।
यह है गाइडलाइन –
गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी व्यक्तिगत तौर पर या फर्म, सोसाइटी या ट्रस्ट के जरिये वाहन कबाड़ सेंटर खोल सकता है। इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से इजाजत लेनी होगी. बोर्ड की टीम सेंटर का दौरा करेगी और मानक पूरे होने पर अधिकृत लाइसेंस जारी करेगी। केंद्र खोलने के लिए स्थायी खाता संख्या और जीएसटी निबंधन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. केंद्र के यार्ड में सीसीटीवी कैमरा लगाना होगा।
तीन महीने तक रखना होगा रिकार्ड –
कबाड़ केंद्रों के लिए कई मानक भी तय किए गए हैं। बड़े वाहनों के कबाड़ केंद्र के लिए न्यूनतम आठ हजार वर्गफीट जबकि छोटे वाहनों के कबाड़ केंद्र खोलने के लिए न्यूनतम चार हजार वर्गफीट जगह होनी चाहिए। कबाड़ केंद्र खोलने वालों से एक लाख निबंधन शुल्क तो 10 लाख की बैंक गारंटी ली जाएगी। केंद्र के यार्ड में सीसीटीवी कैमरा लगाना होगा। नष्ट किए जाने वाले वाहनों का रिकार्ड कम से कम तीन माह तक रखना होगा। इसका डाटा भी सरकार को उपलब्ध कराना होगा। कबाड़ केंद्र खोलने के लिए स्थायी खाता संख्या और जीएसटी रजिस्ट्रेशन होना भी अनिवार्य है। जिस श्रेणी की पुरानी गाड़ी कबाड़ केंद्र में नष्ट होगी, उसकी जगह नई गाड़ी खरीदने पर सरकार की ओर से टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा। गैर व्यावसायिक गाड़ियों के लिए नई गाड़ी की खरीद पर टैक्स में 25 प्रतिशत जबकि व्यावसायिक गाड़ियों के मामले में 15 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
सत्यापन के बाद ही स्क्रैप होंगी गाड़ियां –
कबाड़ केंद्र में आने वाली गाड़ियों को स्क्रैप करने से पहले उसका सत्यापन किया जाएगा। गाड़ी का मालिक कौन है, इसकी पहचान के लिए परिवहन विभाग और पुलिस रिकार्ड की भी मदद ली जाएगी। गाड़ी मालिक का ऑनर बुक और आधार कार्ड भी देखा जाएगा। स्थानीय पुलिस की ओर से चोरी होने वाले वाहनों के रिकार्ड से भी मिलान किया जाएगा। गाड़ियों को नष्ट करने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी भी परिवहन विभाग को दी जाएगी ताकि अगर कोई दावा करे तो उसका सत्यापन हो सके। विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि गाड़ियों के नष्ट होने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो। किसी भी सूरत में चोरी या अन्य अवैध धंधे-कारोबार में लगी गाड़ियों को कोई नष्ट न करवा ले।