सिंगापुर में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ सहित जगदलपुर और कोरबा के दो महिला स्व-सहायता समूह होंगे पुरस्कृत
संधारणीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के उत्कृष्ट काम के लिए मिलेगा छत्तीसगढ़ को ग्रिट अवार्ड
00 अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिख रहा छत्तीसगढ़ मॉडल का प्रभाव
रायपुर। छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। इस तरह अब विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल का प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित होने लगा है। यह गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ तथा छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ तथा जगदलपुर जिले के वनधन विकास केन्द्र बकावण्ड और कोरबा जिले के डोंगानाला के दो स्व-सहायता समूह को प्रतिष्ठित ग्रिड पुरस्कार के लिए ई.एस.जी. वल्र्ड समिट में नामित एवं चयनित किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने छत्तीसगढ़ की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए राज्य लघु वनोपज संघ सहित सभी वनधन केन्द्र के समूहों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को यह पुरस्कार संधारणीय विकास,गरीबी उन्मलन तथा महिला सशक्तिकरण की श्रेणियों में प्राप्त हुए हैं। विजेताओं का चयन लगभग तीन माह चले तीन चरणों में कठोर परीक्षण मापदंडों पर प्रस्तावों के विश्लेषण के आधार पर किया गया। सिंगापुर के कार्प स्टेज तथा ई.एस.जी रिसर्च फाउंडेशन का उद्देश्य ईएसजी मापदंड विकास के लक्ष्यों तथा प्रभावों को विस्तारित करना तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा निर्धारित संधारणीय विकास लक्ष्यों की स्थापना है। इन पुरस्कारों के लिए ‘संधारणीय विकास लक्ष्योंÓ की श्रेणियों के अनुसार, पूरे विश्व के व्यवसायियों से नामांकन प्राप्त किए गए थे।
ई.एस.जी ग्रिट पुरस्कार समारोह सिंगापुर में आगामी 22 और 23 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। इसमें भाग लेने विजेता स्व-सहायता समूहों की 2-2 महिला सदस्य पुरस्कार लेने सिंगापुर भेजा जाएगा। यह आदिवासी महिलाएं पहली बार विदेश यात्रा करेंगी। चयनित महिलाओं में डोंगानाला से सुश्री सरोज पटेल तथा फूल बाई नेती और बकावण्ड से सुश्री पद्मिनी बघेल तथा बेला बाई कश्यप शामिल है। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व जगदलपुर वन मंडल अधिकारी सुश्री स्टाइलो मंडावी करेंगी। जिसमें 150 देशों के प्रतिनिधि, पूरे विश्व के 200 से अधिक संस्थानों के एक्सीक्यूटिव, बड़े संस्थानों के प्रतिनिधि उद्यमी बैंक से निवेशक, समाजसेवी, सामाजिक संगठन, पर्यावरणविद् शासकीय तथा अन्य प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे।