BIG NEWS : राज्यपाल का कोविड रिकवरी के बाद एक्शन, उद्धव सरकार से मांगा 3 दिन का हिसाब किताब
Governor’s action after Kovid recovery, asked for 3 days’ account from Uddhav government
मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी हॉस्पिटल से वापस लौटते ही एक्शन में नजर आ रहे हैं. उन्होंने उद्धव सरकार से बीते तीन दिन की फाइलों का हिसाब-किताब मांग लिया है. कयास लगाये जा रहे हैं कि राज्यपाल महाराष्ट्र सरकार के कुछ आदेशों को पलट भी सकते हैं. ऐसे में राज्यपाल और सीएम उद्धव के बीच की तल्खी और बढ़ सकती है.
बता दें कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच भगत सिंह कोश्यारी को कोविड संक्रमण हो गया था. इसके बाद उनको हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. लेकिन दो दिन पहले यानी 26 जून को वह डिस्चार्ज हो गये हैं.
ताजा जानकारी के मुताबिक, राज भवन सचिवालय ने राज्य सरकार से कुछ फाइलों की डिटेल मांगी हैं. पूछा गया है कि 22, 23 और 24 जून को जिन भी प्रस्तावों को मंजूरी मिली है उनकी डीटेल राज्यपाल को दी जाएं.
राजभवन के इस आदेश को बागी विधायकों की शिकायत से जोड़कर देखा जा रहा है. शिंदे गुट के बागी विधायकों ने आरोप लगाया था कि कई फाइलें और सरकारी संकल्प (जीआर) मंत्रालय द्वारा जल्दबाजी में पास किये जा रहे हैं.
रविवार को जब राज्यपाल डिस्चार्ज हुए. उसके बाद संतोष कुमार (कोश्यारी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी) ने मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव को पत्र लिखा था. इसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिये गए फैसलों, विचार-विमर्श, जीआर और परिपत्र की डीटेल मांगी गई थी. सोमवार को मुख्य सचिव को यह पत्र मिला. इसके बाद उन्होंने अपर मुख्य सचिव (संगठन एवं प्रबंधन) को सारी जानकारी जुटाने को कहा है.
इससे पहले प्रवीण दारेकर (बीजेपी नेता और विधान परिषद में विपक्ष के नेता) ने राज भवन को लिखित शिकायत दी थी. कहा गया था कि राजनीतिक अनिश्चितता के बीच कई फैसले लिये जा रहे हैं, जिनका संज्ञान लिया जाना चाहिए.
बागी विधायकों का जोश हाई –
सियासी उठापटक के बीच गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में बैठे महाराष्ट्र के बागी विधायकों का जोश हाई है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कल उनको बड़ी मोहलत दी है. 12 जुलाई तक उनको अयोग्य ठहराने वाली कार्रवाई को रोक दिया गया है. उल्टा डिप्टी स्पीकर से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछ लिया है. डिप्टी स्पीकर को अब बताना होगा कि जब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था तो उसका निपटारा उन्होंने खुद क्यों कर दिया? ये प्रस्ताव बागी विधायकों ने ही दिया था.