जिले के 17 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कक्षा पहली में प्रवेश के लिए कुल 14514 आवेदन आए। इनमें से 7 स्कूलों में कक्षा पहली की 336 सीटों के लिए गुरुवार को लाटरी निकाली गई। अन्य स्कूलों में शुक्रवार और शनिवार को लाटरी निकाली जाएगी। साथ ही पाटन विकासखंड में आने वाले स्कूलों में लाटरी 10 मई को निकाली जाएगी।
निकाली गई लाटरी में अधिकांश पालकों को मायूसी हुई है। इसके लिए उन्होंने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों समेत अन्य लोगों के माध्यम से स्कूलों के प्राचार्यों पर जबरदस्त दबाव बनाया था। जिनके बच्चों को अभी मौका नहीं मिल पाया है, उनके लिए एक मौका और है। संचालित स्कूलों में 50-50 सीटें और बढ़ाई जा रही हैं। इसकी घोषणा पिछले दिनों की गई है। इसका आदेश आते ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके अलावा जिले में 14 स्थानों और स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जा रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों समेत सभी वर्ग के लोगों का रहा भर्ती के दौरान दबाव
जिले के चारों नगरीय निकायों के महापौरों ने भी अपने निकाय क्षेत्र में आने वाले स्वामी आत्मानंद स्कूल में अपने चहेतों के बच्चों के प्रवेश के लिए लगातार प्राचार्यों को फोन करते रहे। वहीं सभापतियों और आयुक्तों ने भी अपने अधिनस्थों के बच्चों के लिए प्राचार्यों पर दबाव डालने से पीछे नहीं हटे। भिलाई-3 एमआईसी सदस्य ने भी अपने बच्चे के प्रवेश के लिए सारी शक्ति लगाई, लेकिन लाटरी पद्धति की वजह से इन्हें मौका नहीं मिल पाया। उन बच्चों का प्रवेश नहीं हो पाया।
फरीद नगर, से.-4 समेत 14 स्थानों पर खुलेगा नया स्कूल
स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल योजना के तहत फरीद नगर, चरोदा, सेक्टर-4, सेक्टर-7, छावनी, हाउसिंग बोर्ड, घुघुवा, उतई, बोरसी, अहिवारा, अमलेश्वर, जामुल, कैम्प-2, गर्ल्स स्कूल पाटन में स्कूल खोले जाएंगे। इसके लिए स्थल निरीक्षण का काम किया जा चुका है। गुरुवार को कुम्हारी, सेक्टर-6, बोरी, दुर्ग, भिलाई-3, खम्हरिया और नगपुरा स्कूल में लाटरी निकाली गई।
कोविड से माता-पिता को खोने वाली बच्चियों को मिलेगा एडमिशन
मुख्यमंत्री महतारी दुलार योजना के तहत प्रत्येक स्कूलों में 2-2 सीटें सुरक्षित रखी गई हैं। इसमें उन बालिकाओं को प्रवेश दिया जाएगा, जो कोरोना या फिर अन्य गंभीर बीमारियों में अपने मातापिता दोनों खो चुके हैं।
ऐसी बच्चियों को इसमें प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा 10-10 सीटें और बढ़ाई जा रही हैं। सीटें बढ़ाने का कारण है कि आवेदन करने वालों कोई एमआईसी सदस्य हैं, तो किसी बच्चे के माता और पिता दोनों व्याख्याता हैं। बड़ी आसामी भी आवेदन करने में पीछे नहीं रहे।