रायपुर। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए दूरसंचार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में 15 अगस्त से पहले 75 नए मोबाइल टावरों की सौगात दी गई है। इन 75 नए टावरों की स्थापना के फलस्वरूप मोबाइल कवरेज और हाई स्पीड इंटरनेट से 55,000 से अधिक ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं। जो छात्र पहले आनलाइन ट्यूटोरियल, पाठ्यक्रम आदि से वंचित थे, वे अब अच्छी मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। इन टावरों को रिलायंस जिओ द्वारा यूएसओएफ, डीओटी के साथ एक समझौते के तहत स्थापित किया गया है, जो 10 वर्षों के लिए वैध है। 10 साल के बाद भी सेवाएं जारी रहेंगी।
दूरसंचार मंत्रालय के राजधानी स्थित क्षेत्रीय कायार्लय से मिली जानकारी के मुताबिक ये सभी टावर 4जी तकनीक से लैस हैं। इन टावरों की स्थापना नक्सल समस्या से प्रभावित राज्य के 14 जिलों में की गई है। इनमें बलरामपुर में 19, कांकेर में 13, गरियाबंद में 13, सुकमा में पांच, बस्तर में चार, धमतरी में चार, कबीरधाम में चार, बीजापुर में तीन, कोंडागांव में तीन, दंतेवाड़ा में तीन, राजनांदगांव , नारायणपुर और महासमुंद में एक-एक टावर है। ये टावर राज्य के सबसे कठिन और दूरदराज के इलाकों में स्थापित हैं। इनमें से 21 टावर सीआरपीएफ, सीएएफ, बीएसएफ, एसएसबी के शिविरों के अंदर लगाए गए हैं।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में 4जी मोबाइल टावरों की स्थापना की एक अन्य परियोजना का शुभारंभ दूरसंचार विभाग छतीसगढ़ के द्वारा 10 अगस्त 2022 को राजनांदगांव जिले के छुरिया ब्लाक के खेड़ेपार गांव से किया गया। इस योजना के तहत करीब 425 करोड़ रुपये की लागत से 546 नए 4जी टावरों की स्थापना की जाएगी। इससे राज्य के 699 गांवों को 4-जी सेवा का लाभ मिलेगा।