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नौकरी लगाने के नाम पर दो पादरियों से 34 लाख की ठगी, आरोपित फरार

भिलाई। पुलिस ने जांजगीर-चांपा और कानपुर (उत्तर प्रदेश) के दो पादरियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार जांजगीर-चांपा जिले के पादरी नूतन कुमार चौहान और उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के पादरी अंकित सिंह के खिलाफ प्राथमिकी की गई है। महिला आरक्षक रीता सिंह सेक्टर-6 के बैपताइस चर्च की सदस्य है। वर्ष 2019 में उसकी दोनों आरोपित पादरियों से मुलाकात हुई थी। एक दिन आरोपित पास्टर नूतन कुमार चौहान ने सभी को जानकारी दी थी कि पास्टर अंकित सिंह का एक एनजीओ है और उसकी प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों और अधिकारियोंं से अच्छे संबंध हैं।

आरोपितों ने सरकारी नौकरी लगाने और पदोन्न्ति के नाम पर लोगों से 34 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी की है। दुर्ग में पदस्थ एक महिला आरक्षक आरोपितों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। ज्यादातर पीड़ितों ने महिला आरक्षक के खाते में ही रुपये जमा कराए हैं। आरोपित पूरा पैसा लेकर फरार हो गए। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मसीही समाज के कई सदस्यों के बच्चों की बैंक, खाद्य निरीक्षक, पटवारी और अन्य शासकीय विभागों में नौकरी लगवाई है।

उनकी बातों में आकर महिला आरक्षक रीता ने अपने छोटे भाई गुरजिंदर सिंह की नौकरी लगवाने के लिए आरोपितों को एक लाख 57 हजार रुपये दिए। उसे देखकर महिला आरक्षक की मौसेरी बहन रंजीत कौर व दलजीत कौर ने भी अपनी नौकरी के लिए पांच लाख 19 हजार रुपये दिए। इस तरह करीब दर्जनभर लोगों ने आरोपितों को 34 लाख 16 रुपये दे दिए।

दोनों आरोपितों ने शिकायतकर्ता महिला आरक्षक से ठगी करने के साथ ही उसका भी खूब इस्तेमाल किया। आरोपितों ने अन्य पीड़ितों से सीधे अपने खाते में रुपये न लेकर महिला आरक्षक के खाते के माध्यम से रुपये ट्रांसफर कराए। घटना की शिकायत के दौरान महिला आरक्षक रीता सिंह ने अपने बैंक खाते का पूरा विवरण भी पुलिस को दिया है। इसमें उसके खाते में आए रुपयों को उसने आरोपितों को ट्रांसफर किया है। इस बात की पुष्टि हो रही है।

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