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छतीसगढ़ में 3000 जूनियर डॉक्टर आज से हड़ताल पर, शासन के समक्ष रखी 4 मांगें

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विभिन्न मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के करीब 3000 डॉक्टर आज हड़ताल पर रहे। उन्होंने एम्स की तर्ज पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने दोगुनी छात्रवृत्ति देने की मांग रखी है। बता दें कि आज रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव , अंबिकापुर, कांकेर में UDFA and JDA ने संयुक्त रूप से 4 सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदर्शन कियाय़

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. प्रेम चौधरी, डॉ. अमन अग्रवाल, डॉ. मुरारी कुमार साहू, डॉ. आयुष वर्मा, डॉ. राम प्रसाद, डॉ. एम मनीष, डॉ. विपीन कुमार लहरे, डॉ. अविनाश कुशवाहा, डॉ. हिमांशु सिन्हा ने बताया कि शिष्यावृत्ति बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले दो वर्षों से लगातार शासन से मांग कर रहे हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ। वहीं पिछले चार वर्षों से जूनियर डाक्टर के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं हुई है। जूनियर डाक्टरों का कहना है कि अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़ की तुलना में अधिक शिष्यावृत्ति मिल रही है।

डॉक्टरों ने 4 मांगे रखी हैं

  1. इंटर्न स्टाइपेंड वृद्धि
  2. पोस्ट एमबीबीएस बोंड सैलरी वृद्धि
  3. पीजी स्टाइपेंड वृद्धि
  4. पोस्ट पीजी बोंड सेलरी वृद्धि

वर्तमान में जूनियर डाक्टरों को मिल रही शिष्यावृत्ति

चिकित्सक – वर्तमान

इंटर्न – 12,000

स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष – 53,000

स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष – 56,000

स्नातकोत्तर तृतीय वर्ष – 59,000

बांड वाले चिकित्सक – 55,000

 

चिकित्सक – मांग की जा रही बढ़ोतरी की राशि

इंटर्न – 11,272

स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष – 41,938

स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष – 41,682

स्नातकोत्तर तृतीय वर्ष – 42,054

बांड वाले चिकित्सक – 59,552

इस मामले में डॉ. राकेश गुप्ता, आईएमए अध्यक्ष का कहना है कि आयुष्मान योजना संबंधी भुगतान की विषम परिस्थिति को लेकर आज स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से फोन पर बातचीत हुई है। मैंने प्रदेश भर में आयुष्मान संबंधित भुगतान को लेकर विषम और कठिन परिस्थिति की ओर ध्यान दिलाया है।

साथ ही जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर भी उनकी तरफ सम्मत और जायज मांग के लिए स्वास्थ्य मंत्री जी से शिष्यवृत्ती बढ़ाने सहित अन्य मांगों को पूरा करने को लेकर सार्थक पहल करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि आज सुबह शिष्यवृत्ती और बॉन्ड संबंधी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर्स के पंडाल पर पहुंचकर उनकी हड़ताल को सैद्धांतिक सहमति दी है। हालांकि हड़ताल अप्रिय निर्णय है और अंतिम विकल्प होना चाहिए।

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