25 लाख का कर्ज, किराए के कातिल और मर्डर… खौफज़दा कर देगी इस गर्भवती महिला की खूनी साजिश
मृतका वैशाली वलसाड की एक जानी-मानी गरबा सिंगर थी
वलसाड : जुर्म करने के बाद हर मुजरिम झूठ बोलता है. मगर जुर्म को बेनकाब करने और असली मुजरिम को पकड़ने के लिए कभी-कभी पुलिस भी झूठ बोलती है. गुजरात के वलसाड में हुए एक सनसनीखेज कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने एक ऐसा झूठ बोला कि कातिल ने खुद सारी सच्चाई उगल दी. आइए आपको बताते हैं, इस खौफनाक वारदात की पूरी कहानी..
गुजरात के वलसाड शहर के पारदी इलाके में एक नदी के किनारे उस दिन सुबह-सुबह एक कार में एक महिला लाश मिलती है. सुनसान जगह पर खड़ी कार में ये लाश पिछली सीट पर पड़ी थी. जिसे देख कर कुछ लोगों ने पुलिस को फोन कर दिया था. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो कार और लाश की हालत देख कर उसे ये समझते देर नहीं लगी कि ये मामला कत्ल का है. क्योंकि लाश पर गला दबाए जाने के निशान नजर आ रहे थे. ऊपर से लाश को कार में जिस तरह से ठूंस कर रखा गया था, वो नॉर्मल डेथ के मामले में नहीं हो सकता था. इसके अलावा कार की चाबी, महिला का मोबाइल फोन जैसी चीजें भी वहां से गायब थी.
एक शख्स ने दर्ज कराई थी पत्नी की गुमशुदगी
इस मामले की तफ्तीश आगे बढ़ाने के लिए पुलिस को मरने वाली महिला की पहचान पता करना सबसे ज्यादा जरूरी था. अब पुलिस ने ऐसी किसी महिला की गुमशुदगी के बारे में अपने ही तौर पर पता करना शुरू किया. इतेफाक से पिछली शाम को ही वलसाड शहर में एक शख्स ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. रिपोर्ट लिखवाने वाले हरेश बलसारा ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसकी बीवी 27 अगस्त को किसी से मिलने जाने की बात कह कर घर से निकली थी, लेकिन इसके बाद उसका मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ हो गया और वो घर भी नहीं लौटी.
कार से बरामद लाश की शिनाख्त
ऐसे में पुलिस ने हरेश से कॉन्टैक्ट किया और उसे पारदी में नदी किनारे मिली इस लाश की पहचान करने के लिए मौका-ए-वारदात पर बुलाया. अपनी बीवी की कार और उसकी लाश देखते ही हरेश फूट-फूट कर रोने लगा और ये बात साफ हो गई कि मारने वाली कोई और नहीं बल्कि हरेश की बीवी वैशाली बलसारा है. अब तक पुलिस महकमे के साथ-साथ आस-पास के लोगों ने भी हरेश और उसकी बीवी वैशाली को पहचान लिया था. क्योंकि हरेश और वैशाली इस इलाके के लोगों के लिए जाना पहचाना चेहरा थे. वैशाली जहां एक मशहूर गरबा सिंगर थी, वहीं उसका पति हरेश भी एक मंझा हुआ गिटारिस्ट था.
वैशाली की हत्या को लेकर कई सवाल
लेकिन सवाल ये था कि आखिर वैशाली का कत्ल कैसे हुआ? शहर के इस सुनसान जगह में उसी के कार के अंदर उसकी जान किसने ली? उसकी किसी से आखिर क्या दुश्मनी थी? क्या ये कोई रिश्तों की पेच का अंजाम था? पॉपर्टी रिलेटेड क्राइम? या फिर कुछ और? पुलिस अब वैशाली की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया था. अब पुलिस इस केस से जुड़े सवालों के जवाब तलाश रही थी.
वैशाली के पति से पूछताछ
पुलिस ने वैशाली के पति हरेश से पूछताछ शुरू कर दी. लेकिन मामले की तफ्तीश में उसे हरेश से कोई ज्यादा मदद नहीं मिली. क्योंकि हरेश ने पुलिस को बताया कि शनिवार को वैशाली किसी से मिलने जाने की बात कह कर घर से निकली थी, लेकिन वो कहां जा रही है, किससे मिलने जा रही है, इसके बारे में उसने कुछ नहीं बताया था. ऐसे में उसे भी दूर-दूर तक इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि वैशाली अपनी जिंदगी की आखिरी घडी में किसके साथ थी? पुलिस को हरेश से बातचीत करते हुए इस बात का अहसास हो चुका था कि वो कुछ छुपाने की कोशिश नहीं कर रहा है. यानी शुरुआती पूछताछ के बाद ही एक तरह से वैशाली का पति हरेश शक के दायरे से बाहर हो चुका था. ऐसे में पुलिस के सामने वैशाली के गुमनाम दुश्मन के बारे में पता करने की चुनौती जस की तस थी.
वैशाली के मोबाइल की CDR से मिला सुराग
वलसाड पुलिस ने टेक्नीकल सर्विलांस के साथ ही मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया. 8 अलग-अलग पुलिस टीमें बनाई गईं, जिन्हें उनके हिस्से का काम सौंपा गया. पुलिस ने वैशाली के मोबाइल फोन की सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाने के साथ-साथ वैशाली के घर से लेकर मौका-ए-वारदात तक के पूरे रूट की सीसीटीवी फुटेज स्कैन करने की भी शुरुआत कर दी. इस कोशिश में दो सुराग पुलिस के हाथ लगे. पुलिस ने सीडीआर में देखा कि वैशाली के घर से निकलने से पहले और निकलने के बाद उसकी बबीता नाम की किसी महिला से बात हो रही थी. जबकि मौका-ए-वारदात के आस-पास के कुछ सीसीटीवी कैमरों में 27 की शाम को बबीता की मूवमेंट नज़र आई थी. यानी ये दोनों चीजें एक दूसरे से मेल खा रही थीं.
गर्भवती सहेली बबीता पर शक
अब पुलिस ने बगैर देर किए बबीता से पूछताछ करने का फैसला किया. बबीता वैशाली की दोस्त थी. लेकिन दिक्कत ये थी कि जो बबीता शक के दायरे में थी, वो खुद नौ महीने की गर्भवती थी. ऐसे में उससे सख्ती से पूछताछ करना भी मुश्किल था. क्योंकि इससे बबीता के साथ-साथ उसकी कोख में पल रहे बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता था. और तब पुलिस एक मेडिकल ऑफिसर की मौजूदगी में बबीता से सवाल जवाब करती रही. पुलिस को बबीता के खिलाफ मिले टेक्नीकल सबूतों के साथ-साथ उसकी बॉडी लैंग्वेज देख कर भी ये यकीन हो चला था कि इस कत्ल में जरूर उसी का हाथ है. लेकिन सारी कडियों को जोडना अभी बाकी था.
पुलिस ने बबीता से की पूछताछ
बबीता ने पहले तो 27 तारीख को शहर के पारदी इलाके की तरफ जाने की बात से ही इनकार कर दिया था, लेकिन जब पुलिस ने अपने पास उसकी सीसीटीवी फुटेज होने की बात कही तो उसने मान लिया कि हां, उस शाम वो पारदी की तरफ गई थी और वहां उसकी अपनी दोस्त वैशाली से भी मुलाकात हुई थी. अब पुलिस ने उसे उसी की बातों में फंसाने के लिए एक चारा फेंका. पुलिस ने उससे पूछा कि क्या उसने वैशाली को किसी और के साथ देखा था? इस पर बबीता ने छूटते ही कहा कि हां वो अपनी कार में दो लोगों के साथ मौजूद थी.
अपने ही जाल में फंसी बबीता
अब पुलिस ने जानबूझ कर बबीता को एक ऐसे शख्स की तस्वीर दिखाई, जिसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था. पुलिस बबीता को टटोलना चाहती थी. लेकिन चूंकि बबीता खुद इस मामले से बचना चाहती थी, उसने फौरन उसी शख्स को वैशाली के साथ देखने की बात कह दी, जिसकी तस्वीर उसे पुलिस ने दिखाई. यानी ये साफ हो गया कि बबीता अब भी झूठ बोल रही है. अब पुलिस ने बबीता से सच का सामना करवाया और बताया कि किस तरह वो अपनी ही झूठी बातों में फंस चुकी है. क्योंकि जिस शख्स को वो वैशाली के साथ वहां देखने की बात कह रही है, वो तो वैशाली को जानता तक नहीं है. तब जाकर बबीता ने ना सिर्फ अपना जुर्म कबूला, बल्कि अपनी ही दोस्त के कत्ल के पीछे एक ऐसी कहानी सुनाई, जिसे जानकर पुलिस वाले भी हैरत में पड़ गए.
25 लाख हड़पने के लिए किया कत्ल
बबीता ने ये कत्ल वैशाली से उधार के तौर पर लिए गए 25 लाख रुपये हड़पने के लिए किया था. जी हां, वो 25 लाख रुपये जो वैशाली ने कभी ज़रूरत के वक्त बबीता को मदद के तौर पर दिए थे. बबीता अब अपना जुर्म कबूल कर चुकी थी. उसने मान लिया था कि उसी ने अपनी दोस्त वैशाली का कत्ल इसलिए किया, ताकि उससे उधार में लिए गए 25 लाख रुपये उसे वापस ना करने पड़ें.
कातिल ने खुद बयां की कत्ल की दास्तान
गर्भवती बबीता के लिए अकेले अपनी दोस्त का कत्ल करना मुमकिन नहीं था. यानी इस कत्ल में कुछ और भी लोग शामिल थे. तो वो कौन थे. एक मशहूर गरबा सिंगर की उसी के दोस्त के हाथों कत्ल की ये पूरी कहानी आखिर क्या थी. तो पुलिस की हिरासत में बबीता ने सारी बातें खुल कर बताईं. असल में वैशाली और बबीता दोनों एक दूसरे को करीब साल भर से जानते थे. दोनों अच्छे दोस्त थे. इस बीच बबीता को रुपयों की ज़रूरत पड़ी और वैशाली ने अलग-अलग वक्त पर उसे कुल 25 लाख रुपये उधार के तौर पर दे दिए. अब ये रुपये वैशाली वापस मांग रही थी, लेकिन बबीता रुपये नहीं लौटाना चाहती थी. धीरे-धीरे उधार के 25 लाख रुपयों के चलते ही दोनों के रिश्तों में कडवाहट भी आने लगी.
सुपारी किलर्स से कराया कत्ल
इसी बीच बबीता ने अपने कुछ फेसबुक फ्रेंड्स को भरोसे में लेकर ये कहानी सुनाई और कहा कि वो अब अपनी दोस्त वैशाली से पीछा छुड़ाना चाहती है, क्योंकि वो उससे लिए गए 25 लाख रुपये नहीं लौटना चाहती और इसके लिए उसे वैशाली का कत्ल करवाना है. बबीता के वो फेसबुक फ्रेंड्स असल में सुपारी किलर्स थे. वो वैशाली की जान लेने के लिए तैयार हो गए, लेकिन इसके लिए उन्होंने दस लाख रुपयों की मांग रखी. बबीता ने उससे मोलभाव करना शुरू किया और 8 लाख रुपये में वैशाली का कत्ल करने की बात तय हो गई.
फैक्ट्री में सुपारी किलर्स के साथ प्लानिंग
इसके बाद तय प्रोग्राम के मुताबिक 27 अगस्त की शाम को बबीता और दो सुपारी किलर्स वलसाड के पारदी इलाके में एक खाली पडी डायमंड फैक्ट्री में पहुंचे. बबीता ने वैशाली को उधार लिए गए रुपये वापस लौटाने का झांसा दिया और पारदी की उसी डायमंड फैक्ट्री में बुला लिया. पकड़े जाने से बचने के लिए बबीता अपने घर से तो स्कूटी से चली, लेकिन फैक्ट्री से करीब एक किलोमीटर अपनी स्कूटी छोड़कर उसने टैक्सी ले ली और फैक्ट्री पहुंच गई. यहां दोनों सुपारी किलर्स के साथ मिलकर उसने पूरी प्लानिंग की.
कार में किया वैशाली का कत्ल
बबीता का फोन आने के बाद वैशाली रुपये लेने के लिए शहर के पारडी इलाके में मौजूद उस फैक्टरी के पास जा पहुंची. वहां बबीता पहले वैशाली की कार में बैठ कर बातें करती रही और फिर उसने वहीं खडे दोनों सुपारी किलर्स को भी अपना कजन बता कर वैशाली की कार में बिठा लिया. कार के अंदर आते ही दोनों ने पहले क्लोरोफॉर्म सूंघा कर वैशाली को बेहोश कर दिया और गला घोंट कर उसकी जान ले ली. बात में सबूत मिटाने के इरादे से उसी की कार में लाश को लेकर नदी के किनारे पहुंचे और कार और लाश को लावारिस छोड़ कर फरार हो गए.
सुपारी किलर्स को दिए 8 लाख रुपये
बबीता अपने साथ 8 लाख रुपये लेकर आई थी. ये आठ लाख रुपये उसे वैशाली को देने थे, लेकिन वैशाली से पीछा छुड़ाने के लिए उसने वही 8 लाख रुपये सुपारी के तौर पर किराए के कातिलों को दे दिए. फिलहाल पुलिस ने बबीता के साथ-साथ पंजाब से एक सुपारी किलर को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे की तलाश जारी है.
हरेश को नहीं पता थी 25 लाख उधार देने की बात
इस पूरी कहानी में एक हैरानी की बात ये है कि वैशाली ने अपनी दोस्त बबीता को 25 लाख रुपये देने जैसी इतनी बड़ी बात अपने पति हरेश से छुपाए रखी थी. हरेश को दूर-दूर तक इसका पता नहीं था कि उसकी बीवी वैशाली ने बबीता को इतनी बड़ी रकम उधार के तौर पर दी है. असल में हरेश ये भी नहीं जानता था कि वैशाली के पास इतनी बड़ी रकम कहां से आई? और तो और कत्ल के रोज जब बबीता ने वैशाली को फोन कर रुपये वापस चुकाने के बहाने से बुलाया था, तब भी वैशाली ने अपने पति हरेश को ये नहीं बताया था कि वो अपनी दोस्त बबीता से उधार में दिए गए 25 लाख रुपये का कुछ हिस्सा वापस लेने जा रही है. यही वजह है कि बीवी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाते वक्त भी हरेश ने ऐसी किसी बात का जिक्र नहीं किया था.
CDR और CCTV ने खोला कातिल का राज
वैशाली का ये राज़ भी हमेशा-हमेशा के लिए उसी की मौत से साथ दफ्न हो जाता, अगर सीडीआर में उसकी बबीता से आखिरी बार हुई बातचीत सामने नहीं आती और फैक्ट्री की तरफ जाती बबीता की सीसीटीवी तस्वीरें कैमरों में कैद ना हुई होती. बहरहाल, वलसाड पुलिस ने अब इस मामले को सुलझा लिया है, लेकिन एक गर्भवती महिला की इतनी भयानक साज़िश और दोस्त से गद्दारी की कहानी सुनकर हर कोई हैरान है.