YOGI BAKRID GUIDELINES : बकरीद पर योगी सरकार सख्त, सड़क पर नमाज़ और प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पर पाबंदी !

YOGI BAKRID GUIDELINES: Yogi government strict on Bakrid, ban on offering namaz on the road and sacrificing banned animals!
लखनऊ, 3 जून। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी गंगा दशहरा, बकरीद और जगन्नाथ रथ यात्रा को देखते हुए पूरे प्रदेश में सख्त सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि किसी भी नई परंपरा की अनुमति न दी जाए और धार्मिक आयोजनों के नाम पर कानून-व्यवस्था से कोई समझौता न हो।
मुख्यमंत्री ने बकरीद पर विशेष सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सड़कों पर नमाज की अनुमति नहीं दी जाएगी। नमाज केवल पारंपरिक स्थलों पर ही होनी चाहिए। इसी के साथ प्रतिबंधित पशुओं—विशेषकर गाय और ऊंट-की कुर्बानी पर पूरी तरह से रोक लगाने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि कुर्बानी केवल प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थलों पर ही हो। खुले में या गैर-चिन्हित स्थानों पर कुर्बानी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को अवैध स्लॉटर हाउस तत्काल बंद कराने और वैध स्लॉटर हाउस में भी निर्धारित संख्या से अधिक पशुओं को न रखने के निर्देश दिए हैं। खुले में मांस की बिक्री पर भी सख्ती से रोक लगाने को कहा गया है।
योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशासन से कहा है कि कहीं भी यदि कानून-व्यवस्था की स्थिति बनती है तो थाना पुलिस तहरीर का इंतजार न करे, बल्कि समय रहते प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे। शरारती तत्वों की पहचान कर उन पर निगरानी रखी जाए और आवश्यक होने पर निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। पीस कमेटियों से संवाद भी अनिवार्य रूप से किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 जून को गंगा दशहरा और 24 जून को जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भी विशेष सतर्कता बरती जाए। गंगा घाटों की साफ-सफाई, सजावट और सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए जाएं। गोताखोर, पीएसी की बाढ़ कंपनी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती भी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से कहा कि पिछले वर्षों में इन आयोजनों के दौरान हुए विवादों की समीक्षा करें और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब जनहित में है और सरकार सभी नागरिकों की आस्था का सम्मान करती है, लेकिन सार्वजनिक व्यवस्था सर्वोपरि है।