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PANCHAYAT CORRUPTION : पूर्व सरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप, जांच रिपोर्ट के बावजूद कार्रवाई नहीं – हाईकोर्ट ने सरकार और SDM को भेजा नोटिस

PANCHAYAT CORRUPTION : Former Sarpanch accused of corruption, no action despite investigation report – High Court sends notice to government and SDM

बिलासपुर। PANCHAYAT CORRUPTION  दुर्ग जिले के भिलाई तीन के एसडीएम के एक विवादित आदेश को चुनौती देते हुए ग्राम पंचायत पंचदेवरी निवासी अरुण कुमार लहरे ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि भले ही जनपद पंचायत सीईओ ने तत्कालीन सरपंच के खिलाफ भ्रष्टाचार की पुष्टि की हो, लेकिन एसडीएम ने उल्टा मामले को नस्तीबद्ध करने का आदेश दे दिया।

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस ए.के. प्रसाद ने राज्य शासन और एसडीएम भिलाई तीन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

क्या है मामला?

PANCHAYAT CORRUPTION  अरुण कुमार लहरे ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों और नियुक्तियों से संबंधित जानकारी एकत्र की थी। इसके आधार पर उन्होंने तत्कालीन सरपंच संतकुमारी सोनके पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्रवाई की मांग की थी।

एसडीएम ने इस पर जनपद पंचायत धमधा के सीईओ को सात दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। सीईओ ने शिकायत को सही मानते हुए कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा भी की।

कार्यकाल समाप्ति का बहाना बनाकर बच निकलीं सरपंच?

सीईओ की रिपोर्ट पर एसडीएम ने सरपंच को नोटिस जारी किया, लेकिन तब तक उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका था। जवाब में पूर्व सरपंच ने इसी आधार पर कार्रवाई निरस्त करने की मांग की, जिसे एसडीएम ने मानते हुए पूरा मामला ही नस्तीबद्ध कर दिया।

याचिकाकर्ता की दलील

PANCHAYAT CORRUPTION  याचिकाकर्ता के वकील रोहित शर्मा ने कोर्ट में तर्क रखा कि एसडीएम का निर्णय विधिसम्मत नहीं है। पूर्व सरपंच ने कार्यकाल के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया, सगे संबंधियों को अवैध रूप से नौकरी दी, और फर्जी दस्तावेजों के सहारे घोटाले किए। उन्होंने कोर्ट से मांग की कि एसडीएम के आदेश को निरस्त कर पूर्व सरपंच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

अगली सुनवाई की तैयारी

PANCHAYAT CORRUPTION  हाईकोर्ट ने शासन और सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। जवाब प्राप्त होने के बाद याचिकाकर्ता को दो सप्ताह में रिवाइंडर दाखिल करने की अनुमति दी गई है।

 

 

 

 

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