MEESABANDI LAW CG : छत्तीसगढ़ में लागू होगा मीसाबंदी कानून, कोई सरकार नहीं बदल सकेगी फैसला!

MISABANDI LAW CG : MISABANDI law will be implemented in Chhattisgarh, no government will be able to change the decision!
रायपुर। MEESABANDI LAW CG छत्तीसगढ़ सरकार ने मीसाबंदियों के सम्मान और उनके अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक’ तैयार कर लिया है। यह विधेयक कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब विधानसभा में पेश किया जाएगा। कानून बनने के बाद मीसाबंदियों को मिलने वाली सुविधाएं संरक्षित हो जाएंगी, और कोई भी सरकार भविष्य में इसे बदल नहीं सकेगी।
MEESABANDI LAW CG क्या है मीसाबंदी कानून?
आपातकाल (1975-77) के दौरान कांग्रेस सरकार ने मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) के तहत हजारों लोकतंत्र सेनानियों को जेल में डाल दिया था। छत्तीसगढ़ में भी सैकड़ों लोग इस कानून का शिकार बने थे। भाजपा शासित राज्यों में इन मीसाबंदियों को लोकतंत्र सेनानी का दर्जा दिया गया और सम्मान निधि प्रदान की गई।
MEESABANDI LAW CG एमपी की तर्ज पर बनेगा छत्तीसगढ़ का कानून
सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ का नया कानून मध्य प्रदेश की तर्ज पर तैयार किया गया है। एमपी में 2008 में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मीसाबंदियों के लिए सम्मान निधि शुरू की थी, जिसे 2016 में लोकतंत्र सेनानी का दर्जा देकर और मजबूत किया गया। अब छत्तीसगढ़ में भी ऐसा ही कानून बनने जा रहा है।
MEESABANDI LAW CG भविष्य में कोई सरकार नहीं बदल सकेगी फैसला
मीसाबंदी कानून लागू होने के बाद इसे किसी भी सरकार द्वारा बदला नहीं जा सकेगा। लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने बताया कि इस कानून की मांग लंबे समय से की जा रही थी। अब इसे कानूनी सुरक्षा मिल जाएगी।
MEESABANDI LAW CG हाईकोर्ट ने किया था सम्मान निधि बहाल
2018 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही छत्तीसगढ़ में मीसाबंदियों को दी जाने वाली सम्मान निधि बंद कर दी गई थी। लेकिन मामला हाईकोर्ट पहुंचा और अदालत ने सरकार के फैसले को पलटते हुए निधि को फिर से बहाल कर दिया। मध्य प्रदेश में भी कमलनाथ सरकार ने 2018 में निधि पर रोक लगाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
MEESABANDI LAW CG सरकार का बड़ा कदम
राज्य सरकार के इस कदम को मीसाबंदियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। यह कानून सुनिश्चित करेगा कि लोकतंत्र सेनानियों को उनका अधिकार मिले और भविष्य में कोई सरकार उनके सम्मान को छीन न सके।