KAPIL SIBAL SLAMS VP DHANKHAR : कपिल सिब्बल का उपराष्ट्रपति धनखड़ पर तीखा हमला – “कार्यपालिका विफल हो तो न्यायपालिका को दखल देना चाहिए”

KAPIL SIBAL SLAMS VP DHANKHAR : Kapil Sibal’s scathing attack on Vice President Dhankhar – “If the executive fails, the judiciary should intervene”
नई दिल्ली। KAPIL SIBAL SLAMS VP DHANKHAR वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हालिया सुप्रीम कोर्ट पर दिए बयान पर कड़ा पलटवार किया है। सिब्बल ने स्पष्ट कहा कि अगर कार्यपालिका अपना काम नहीं कर रही है, तो न्यायपालिका को हस्तक्षेप करने का पूरा अधिकार है।
क्या कहा सिब्बल ने –
KAPIL SIBAL SLAMS VP DHANKHAR प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल सिब्बल ने कहा – “न्यायपालिका की स्वतंत्रता लोकतंत्र की बुनियाद है और उस पर इस तरह के राजनीतिक हमले बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मैंने आज तक किसी राज्यसभा सभापति को इस तरह के बयान देते नहीं देखा।” उन्होंने उपराष्ट्रपति के बयानों को ‘राजनीतिक’ बताते हुए कहा कि यह संवैधानिक मर्यादा के खिलाफ है।
सिब्बल ने यह भी कहा कि – “राष्ट्रपति तो केवल नाममात्र के प्रमुख होते हैं, वे मंत्रिमंडल की सलाह पर कार्य करते हैं। उनके पास कोई व्यक्तिगत शक्ति नहीं होती।”
अनुच्छेद 142 पर विवाद –
KAPIL SIBAL SLAMS VP DHANKHAR दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट की अनुच्छेद 142 के तहत दिए गए निर्देशों को लेकर कहा था कि “न्यायपालिका ‘सुपर संसद’ नहीं बन सकती” और उन्होंने अनुच्छेद 142 को ‘न्यूक्लियर मिसाइल’ तक कह दिया था।
इसके जवाब में सिब्बल ने तंज कसते हुए कहा – “अनुच्छेद 142 तो संविधान ने सुप्रीम कोर्ट को दिया है, सरकार ने नहीं। ये ‘पूर्ण न्याय’ के लिए है। असली न्यूक्लियर मिसाइल तो नोटबंदी थी, तब किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई?”
सिब्बल का बड़ा संदेश –
KAPIL SIBAL SLAMS VP DHANKHAR कपिल सिब्बल ने कहा कि आज के समय में अगर देश की किसी संस्था पर आम जनता को भरोसा है, तो वह न्यायपालिका है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी की है, खासकर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की।