JAMMU KASHMIR ASSEMBLY : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर बवाल, BJP-AAP विधायकों में झड़प, हाथापाई तक पहुंचा मामला

JAMMU KASHMIR ASSEMBLY : Ruckus in Jammu and Kashmir assembly over Waqf law, clash between BJP-AAP MLAs, matter reached to scuffle
जम्मू, 9 अप्रैल 2025। JAMMU KASHMIR ASSEMBLY जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को जोरदार हंगामा और मारपीट की स्थिति बन गई। वक्फ कानून (Waqf Law) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों के बीच तीखी बहस हाथापाई में तब्दील हो गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायकों ने भी सदन के बीच में उतरकर जमकर नारेबाजी की और वक्फ कानून पर चर्चा की मांग की।
जानकारी के अनुसार, NC ने वक्फ कानून पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के ज़रिए चर्चा की मांग रखी थी, लेकिन स्पीकर द्वारा प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद विपक्षी विधायकों ने जमकर विरोध किया। मामला इतना बिगड़ गया कि सदन की कार्यवाही को तीन घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा।
विधानसभा के बाहर भिड़े BJP और AAP विधायक
JAMMU KASHMIR ASSEMBLY हंगामा सिर्फ सदन तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि विधानसभा के बाहर भी तनाव की स्थिति बनी रही। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के विधायकों के बीच प्रवेश द्वार पर जमकर झड़प और धक्का-मुक्की हुई। बीजेपी विधायकों ने आरोप लगाया कि AAP विधायक हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर रहे थे।
JAMMU KASHMIR ASSEMBLY बीजेपी विधायक विक्रम रंधावा ने बयान दिया, “AAP का विधायक कह रहा है कि हिंदू तिलक लगाकर शराब पीता है, चोरी करता है। हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
वहीं, आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक ने पलटवार करते हुए कहा, “BJP के लोगों ने मुझ पर हमला किया। वे तमाशा कर रहे हैं, लोकतंत्र को दबा रहे हैं।”
पीडीपी कार्यकर्ताओं की भी एंट्री
विधानसभा की कार्यवाही देखने आए पीडीपी कार्यकर्ताओं ने भी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों से भिड़ंत कर ली। बीते तीन दिनों से वक्फ कानून को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सियासी घमासान जारी है।
वक्फ कानून पहले ही बन चुका है
JAMMU KASHMIR ASSEMBLY बता दें कि वक्फ बिल पहले ही संसद में पारित हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून पूरे देश में लागू भी हो चुका है। बावजूद इसके, जम्मू-कश्मीर में इस मुद्दे पर विपक्षी दल लगातार बहस की मांग कर रहे हैं और सत्ता पक्ष इसे टालने की कोशिश कर रहा है। इससे विधानसभा का माहौल लगातार अशांत बना हुआ है।