World Para Athletics Championships : मजदूर की बेटी ने जापान में किया ऐसा कमाल, ताने मारने वालों की बोलती कर दी बंद
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कोबे। भारत की दीप्ति जीवनजी ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर टी20 दौड़ में 55.07 सेकेंड के विश्व रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। दीप्ति ने अमेरिका की ब्रियाना क्लार्क का 55.12 सेकेंड का विश्व रिकार्ड तोड़ा जो उसने पिछले वर्ष पेरिस में बनाया था। तुर्की की एसिल ओंडेर 55.19 सेकेंड के साथ दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि एक्वाडोर की लिजांशेला एंगुलो 56.68 सेकेंड का समय निकालकर तीसरे स्थान पर रहीं। टी20 वर्ग की रेस बौद्धिक रूप से अक्षम खिलाडि़यों के लिए हैं। योगेश कथुनिया ने पुरुषों के एफ 56 वर्ग चक्का फेंक में 41.80 मीटर के साथ रजत पदक जीता। भारत ने अब तक एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीत लिए हैं।
Double delight for Team 🇮🇳 at The World Para Athletic Championship 🇯🇵☑️
Super delighted as our athletes create a new World Record & clinch #Paralympics2024 quota🥳
Meet the champions👇#TOPScheme para athlete, Deepthi Jeevanji clinches 🥇in Women’s 400m T20 final with world… pic.twitter.com/s4fZvy79po
— SAI Media (@Media_SAI) May 20, 2024
ताने मारने वालों को दिया जवाब
दीप्ति जीवनजी के माता-पिता को लंबे समय तक गांव के लोग ‘मानसिक रूप से कमजोर’ बच्चे के लिए ताने मारते रहे, लेकिन जापान के कोबे में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उनकी प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। दीप्ति की जीत के बाद तेलंगाना के कलेडा गांव में स्थित छोटे से घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग जश्न मना रहे हैं। तेलंगाना के वारंगल जिले में दिहाड़ी मजदूरों के घर जन्मी 20 वर्षीय दीप्ति ने आगामी पेरिस पैरालंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया। टी20 श्रेणी उन एथलीटों के लिए है जो बौद्धिक रूप से कमजोर हैं।